10 Best Moral Stories in Hindi for Class 3 नैतिक कहानियां 2022

इस लेख में हमारे पास नैतिक शिक्षा के साथ कुछ 10 Best Moral Stories in Hindi for Class 3 का संग्रह है। यह कहानियाँ आप अपनी बच्चों को पढ़कर सुना सकते हो। प्रत्येक कहानियाँ से बच्चों को कुछ ना कुछ नैतिक शिक्षा मिलेगी, जो लोग और दुनिया को समझने में मदद करेगी।

इनमें से कुछ Hindi story for class 3 with moral बहुत छोटी और बुनियादी हैं। जो बच्चों की पढ़ते समय ध्यान इन कहानियों में बनी रहेगी। एक समय था जब कहानी की पुस्तकें बच्चों के लिए केवल मनोरंजन के साधन थे।

हालाँकि, अब समय बदल गया है। इंटरनेट की युग में बच्चे अपना अधिकांश समय स्मार्टफोन पर गेम खेलकर बिताते हैं। लेकिन, अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे अपने बचपन का अनुभव करें। तो आप उन्हें  Moral Story in hindi for class 3 का संग्रह पढ़ा सकते है, जो बहुत ही रोचक और शिक्षावर्धक है।

 

10 Best Moral Stories in Hindi for Class 3 नैतिक कहानियां

 

1. शेर और चूहा – Moral Stories in Hindi for class 3

शेर और चूहा Top 10 Moral Stories in Hindi for class 3
शेर और चूहा – Moral Stories in Hindi for class 3

एक जंगल में एक शेर रहता था। एक दिन दोपहर को शेर अपना शिकार करने के लिए गया था। जंगल में शेर एक छोटा हिरन दिखा उसे मारकर खाने के बाद एक बड़ी पेड़ के नीचे शेर राजा सो रहा था।

उसी पेड के नजदीक बिल मैं एक चूहा रहता था। चूहा बहुत शरारती था, वह बिल में से बाहर निकल कर देखा एक शेर वहां सो रहा है। आनंद करने के लिए चूहा शेर की शरीर पर उछल कूद करने लगा।

शरीर पर उछलने की कारण शेर राजा की नींद खराब हो गई थी। शेर अचानक उठ गया, उसने देखा एक चूहा उसकी शरीर पर उछल कूद कर रहा है। शेर को बहुत गुस्सा आया, उसने चूहा को अपने पंजों में लिया।

मूर्ख चूहे, तुम शेर के साथ मजाक कर रहे हो तुम्हें तो मजा दिखाती हूं। चूहा बहुत डर गई उसने शेर से कहा, “कृपया मुझे छोड़ दीजिए। मैं आपका उपकार कभी नहीं भूलूंगी, मैं आपका मदद करूंगा।

शेर हंसकर बोला, “तुम जैसे छोटा चूहा मेरा क्या मदद कर सकता है।” चूहा ने कहा, “महाराज आपकी कभी किसी संकट आएगा तो मैं आपकी बताऊंगा।”

यह बात सुनकर शेर को चूहे पर दया आई और चूहे को छोड़ दिया। कुछ दिन बाद, जब चूहा अपने बिल में सो रही थी। तब उसने एक शेर की गर्जन सुनी।

वह बिल से बाहर निकल के देखा, एक शेर शिकारी के जाल में फस गई थी। ताकतवर शेर जाल से बाहर निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। शेर कुछ भी करके जाल से निकल नहीं पा रहा था।

तब चूहा शेर को बचाने के लिए तुरंत शेर के पास गया और अपनी दांतो से मजबूत जाल को कटकर शेर को मुक्त किया। शेर चूहे को धन्यवाद दिया, फिर दुनो जंगल में चला गया।

नैतिक शिक्षा : कभी भी किसी को कम मत समझे।

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2. ईमानदार लकड़हारा – Hindi story for class 3 with Moral

ईमानदार लकड़हारा Hindi story for class 3 with moral
ईमानदार लकड़हारा – Hindi story for class 3 with moral

एक बार की बात है, गांव में एक लकड़हारा रहता था। वह रोज लकड़ियां काटकर शहर में बेचने जाता था। लकड़ियां बेचकर जो पैसा आता था, उन्हें पैसों से वह अपनी परिबार की पेट चलाता था।

वह रोज लकड़ियां काटने के लिए जंगल में जाता था। एक दिन, लकड़हारा एक पेड़ पे चढ़कर लकड़ियां काट रहा था। अचानक उसकी कुल्हाड़ी हाथ से फिसल कर नदी में गिर गया।

लकड़हारा अपने कुल्हाड़ी को बहुत ढूंढा, फिर भी उसे कुल्हाड़ी नहीं मिला। लकड़हारा दुखी होकर जोर जोर से रोने लगा फिर अचानक नदी में पानी की देवता प्रकट हुए।

देवता लकड़हारा से पूछा, “क्या बात है तुम क्यों रो रही हो?” लकड़हारा ने देवता को सारी बात बताई। देवता लकड़हारे को कहां, “तुम यही रुको मैं तुम्हारी कुल्हाड़ी ढूंढ कर लाती हूं।”

फिर देवता पानी में डुबकी लगाई और एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर आई। लकड़हारा सोने की कुल्हाड़ी देख कर कहा नहीं नहीं देव, यह कुल्हाड़ी तो मेरा नहीं है। यह तो सोने का है।

फिर एक बार, देवता पानी में डुबकी लगाई और एक दूसरी कुल्हाड़ी लेकर आई। लकड़हारा ने उसे भी देख कर कहा नहीं नहीं देव यह कुल्हाड़ी मेरा नहीं है। यह तो चांदी का है और मेरा तो लोहे की कुल्हाड़ी था।

फिर देवता ने तीसरी बार पानी में डुबकी लगाई और एक लोहे की कुल्हाड़ी लेकर आई। लकड़हारा कुल्हाड़ी को देख कर कहा, “यही तो है मेरी लोहे का कुल्हाड़ी।

लकड़हारा ने देवता को बहुत बहुत धन्यवाद दिया। फिर, अपनी कुल्हाड़ी लेकर घर जा रहा था। देवता ने उसे रुका और कहां, “तुम बहुत इमानदार आदमी हो।

हमें तुम्हारी इमानदारी देख कर खुशी हुई मैं तुम्हें यह तीनों कुल्हाड़ी देती हूं। तुम इसे तीनों कुल्हाड़ी को अपने साथ घर लेकर जाओ। लकड़हारा तीनों कुल्हाड़ी लेकर खुशी से अपना घर गया।

नैतिक शिक्षा : ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है।

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3. दूधवाली और उसकी बलटी – Story in Hindi for class 3 with moral

दूधवाली और उसकी बलटी Story in Hindi for class 3 with moral
दूधवाली और उसकी बलटी – Story in Hindi for class 3 with moral

कुछ समय पहले की बात है, एक गांव में एक दूधवाली उसकी मां के साथ रहती थी। उनका एक गाय थी, वह रोज बलटी भर के दूध देती थी। दूधवाली उसे शहर में बेचकर जो पैसा आती थी, उंही पैसा से उनकी घर चलती थी।

एक दिन उसकी मां ने कहा आज दूध बेचकर जो पैसा आएगी, तुम उस पैसे से अपने लिए कुछ खरीदना। दूधवाली अपने सर पर दूध की बलटी लेकर दूध बेचने के लिए शहर की ओर गया।

उसने जाते जाते सोचा, आज दूध बेचकर जो पैसा होगी उससे में चार मुर्गी खड़ीदूंगी। वह मुर्गी रोज अंडे देगी अंडे बाजार में बेच के पैसा आएगी, उन पैसों से मैं और भी मुर्गी खड़ीदूंगी।

कुछ दिन बाद मेरे पास तो बहुत सारा मुर्गी होगी। मैं तो और दूध बेचने नहीं जाऊंगी मैं मुर्गी और अंडे की business करूंगी। दूध की बलटी सर पर चढ़ा चढ़ा के मेरा बाल खराब हो गया है।

सोचते सोचते दूधवाली ने अपना सर थोड़ा नीचे किया तभी दूध की बलटी सर से नीचे गिरा। सारा दूध रास्ते में बह गया। उसकी सब सपना टूट गई थी वह रास्ते में बैठ कर रोने लगी।

नैतिक शिक्षा : जब तक कुछ हाथ में नहीं हो तब तक उसकी बारे में अंदाजा लगाना नहीं।

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4. लकड़ियों का गुच्छा – Hindi story for class 3

लकड़ियों का गुच्छा Hindi story for class 3
लकड़ियों का गुच्छा – Hindi story for class 3

एक समय की बात है, एक गांव में विजय नाम की एक आदमी उसकी तीनो बेटे के साथ रहता था। लेकिन उसके तीन बेटे हमेशा आपस में लड़ता रहता था। इसीलिए, कुछ दिन से विजय बहुत चिंतित था।

कुछ साल बीत गया, विजय अब बुड्ढा हो गया था। कुछ दिन से उसकी तबीयत बहुत खराब हो गई। वह सारा दिन बिस्तर पर सोया रहता था। एक दिन, विजय उसकी तीनों बेटे को एक साथ बुलाया।

और कहां, “मैं मरने से पहले तुम तीनों को कुछ शिक्षा देकर जाना चाहती हूं।” तीनों बेटे पिता की तरफ देख रहा था। विजय अपनी तकिया के नीचे से कुछ लकड़ियों का गुच्छा निकल कर तीनों बेटे कि हाथ में एक एक गुच्छा देकर कहां, “इसे तोड़कर दिखाओ।”

तीनों बेटे अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। लेकिन, किसी ने भी गुच्छा को तोड़ नहीं पाया। तब विजय गुच्छा वापस लेकर तीनों के हाथ में एक एक छड़ी दी और कहां, “इसे तोड़कर दिखाओ।”

तीनों बेटे आसानी से छड़ी को तोड़ दिया। तब विजय तीनों बेटे को कहा, “अगर तुम तीनों लकड़ियों का गुच्छा की तरह एक साथ रहोगे, तो तुम्हें कोई नुकसान नहीं कर पाएगा।

और अगर तुम तीनों आपस में लड़ते रहोगी। तो तुम्हें कोई भी छड़ी की तरह आसानी से तोड़ देगा। तीनों बेटे पिता की बात समझा और पिता से वादा किया वह हमेशा एक साथ रहेगा। आपस में कभी नहीं लड़ेगा।

नैतिक शिक्षा : एकता में ही ताकत है।

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5. राजू और उसकी पेंसिल – Short Moral story in hindi for class 3

राजू और उसकी पेंसिल Short Moral story in hindi for class 3
राजू और उसकी पेंसिल – Short Moral story in hindi for class 3

एक बार की बात है, एक गांव में राजू अपनी दादी के साथ रहता था। राजू 2 दिन से बहुत परेशान था क्योंकि वह English परीक्षा मैं बहुत खराब प्रदर्शन किया था। राजू दुखी होकर अपने कमरे में बैठा था।

उसकी दादी को सब कुछ पता था इसीलिए दादी राजू के पास आया और उसे एक पेंसिल दी। राजू दादी के तरफ देखा और कहा, “मैं परीक्षा में बहुत ही खराब प्रदर्शन किया है, मैं तो इस पेंसिल की लायक नहीं हूं।”

दादी उसे समझाया, “तुम इस पेंसिल से बहुत कुछ सीख सकते हो यह पेंसिल तुम्हारे जैसा है।

यह पेंसिल दर्द का अनुभव करता है। जैसे तुम परीक्षा मैं खराब प्रदर्शन करने के कारण दर्द का अनुभव किया है। यह पेंसिल तुम्हें और भी बेहतर छात्र बनाने में सहायता करेगी।

इस पेंसिल से लिखने की टाइम तुम्हें याद आएगी तुम पहले परीक्षा मैं खराब प्रदर्शन किए थे। परीक्षा देते वक्त तुम्हें बहुत साहस मिलेगी। अगले परीक्षा मैं तुम जरूर अच्छा प्रदर्शन करोगीv

नैतिक शिक्षा : हम सभी में वह शक्ति है जो हम बनना चाहते हैं।

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6. चूहा और मेंढक – Moral stories in hindi for class 3 with Pictures

चूहा और मेंढक Moral stories in hindi for class 3 with Pictures
चूहा और मेंढक – Moral stories in hindi for class 3 with Pictures

एक बार की बात है, एक चूहा और एक मेंढक दोनों अच्छे दोस्त थे। मेंढक एक तालाब में रहता था और चूहा उसी तालाब के पास, एक पेड़ की नीचे बेल में रहता था।

मेंढक चूहा दोस्त से मिलने के लिए रोज चूहे की बिल में जाता था। लेकिन, चूहा कभी भी मेंढक की घर नहीं आती थी। क्योंकि चूहा को पानी से बहुत डर लगता था। चूहा कभी भी मंदक की घर नहीं आए।

एक दिन, मेंढक ने सोचा आज कैसे भी चूहा को मेरी घर ले आऊंगी। यह सोचकर मेंढक चूहे की बिल में जाकर चूहे को कहा अपना घर आने के लिए, लेकिन चूहा ने मना कर दिया।

मेंढक को बहुत गुस्सा आया। वह एक रस्सी को लेकर चूहे की पैरों में बंधी और एक अपना पैरों में बांध के चूहे को घसीटते हुए अपना घर तालाब में लेकर आए।

चूहा रस्सी को काटने की बहुत कोशिश की थी। लेकिन, वह नाकामयाब रही। मेंढक चूहे को लेकर पानी में डुबकी लगाई चूहा पानी में डूब के मरने वाली थी।

उसी समय एक बाज खाने की खोज में तालाब के ऊपर से जा रही थी। जाते वक्त उसने चूहे को देखा, बाज चूहे को पकड़ कर एक पेड़ में लेकर आया। लेकिन, उसी रस्सी में मेंढक भी बंधी थीv

मेंढक ने रस्सी काटने की बहुत कोशिश की थी। लेकिन, वह भी चूहे की तरह नाकामयाब रहा। बाज ने दोनों को एक साथ देख कर बहुत खुश हुआ। फिर, दोनों को अपना भजन बनाया।

नैतिक शिक्षा : अगर हम किसी के लिए परेशानी खड़ी करेंगे तो खुद भी परेशान होंगे।

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7. चींटी और कबूतर – Hindi story for class 3 with pictures

चींटी और कबूतर Hindi story for class 3 with pictures
चींटी और कबूतर – Hindi story for class 3 with pictures

एक समय की बात है, गर्मी का मौसम चल रहा था। जंगल में एक चींटी को बहुत ज्यादा प्यास लगी थी। चींटी ने पानी ढूंढते हुए एक नदी के पास पहुंचा। नदी में पानी देखकर चींटी बहुत खुश हुआ।

वह पानी पीने के लिए, एक छोटी चट्टान पर चढ गया। लेकिन, चींटी वहां से फिसल कर पानी में गिर गया। वह धीरे धीरे पानी में डूबने लगा।

उसी नदी के पास पेड़ में एक कबूतर बैठा था। कबूतर, पेड़ मैं से चींटी को पानी में डूबते हुए देखा। वह जल्दी से एक पत्ता नदी में फेंक दिया। चींटी थोड़ा ताकत लगा कर उस पत्ते पर चरके अपना जान बचा लिया।

चींटी ने कबूतर से अपना जान बचाने के लिए शुक्रिया अदा किया। फिर, वह दोनों अच्छे दोस्त बनकर जंगल में एक साथ खुशी से रहने लगा।

एक दिन, एक शिकारी शिकार करने के लिए जंगल में आया था। उसने देखा, एक खूबसूरत कबूतर पेड़ मैं बैठा है। वह कबूतर को अपना शिकार  बनाने के लिए सोचा।

फि,र शिकारी अपना बंदूक निकाल कर कबूतर को निशाना किया। कबूतर को शिकारी के बारे में कुछ पता नहीं था, वह आराम से पेड़ में बैठा था। लेकिन चींटी ने शिकारी को देख लिया था.

चींटी ने कबूतर की जान बचाने के लिए, शिकारी के पास गया और उसकी पैरों में जोर से काटा। शिकारी दर्द में चिल्लाया, तब उसकी बंदूक हाथ में से गिर गया।

शिकारी की चीख सुनकर कबूतर घबरा गया। वह महसूस किया उसके साथ क्या होने वाला था। फिर कबूतर वहां से उड़कर पेड़ की उचाही पर चला गया.

नैतिक शिक्षा : एक अच्छा काम कभी भी बिना रुके चलता है।

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8. चींटी और टिड्डा – Moral story in Hindi for class 3 with pictures

चींटी और टिड्डा Moral story in Hindi for class 3 with pictures
चींटी और टिड्डा – Moral story in Hindi for class 3 with pictures

एक बार की बात है, गर्मी का मौसम चल रहा था। एक जंगल में दो दोस्त रहता था, एक चींटी और एक टिड्डा। टिड्डा को सारा दिन आराम करना और गिटार बजाना पसंद थी।

सर्दी का मौसम आने वाला है। चींटी सारा दिन बहुत मेहनत करके खाना और पत्ते इकट्ठे कर रही थी। क्योंकि, सर्दियों में बहुत ठंड होने की कारण खाना ढूंढना मुश्किल है।

लेकिन, टिड्डा कोई मेहनत नहीं करती थी। वह सारा दिन अपना गिटार बजाकर गाना गाती थी। चींटी ने थोड़ा थोड़ा करके खाना इकट्ठा कर रही थी, सर्दियों के मौसम के लिए।

फिर, धीरे धीरे गर्मी का मौसम चला गया और सर्दी का मौसम आया। सर्दियों में सभी पेड़ पर बर्फ की चादर चढ गई थी। बहुत ज्यादा ठंड होने की कारण चींटी अपने घर से बाहर नहीं निकलती थी।

वह घर में बहुत सारा खाना इकट्ठा कर रखी थी। लेकिन, टिड्डा की हालत बहुत खराब हो गई थी। उसे कुछ दिन से खाना नहीं मिली थी। वह ठंड में काटते हुए अपने दोस्त चींटी के घर गया और चींटी से थोड़ा खाना मंगा।

चींटी ने कहा, “मैं सारा दिन गर्मी में काम किया, ताकि सर्दी के टाइम हम भूखा ना मारे। मैं तुमको बोला था थोड़ा खाना इकट्ठा कर लो सर्दी का मौसम आने वाला है, तुमने मेरी बात नहीं सुनी।”

“हां चींटी भाई! मैं पूरा गर्मी में गिटार बजाता था और सोया रहता था।” चींटी ने कहा, “जब तुम पूरे गर्मी में गिटार बजाया। तो अब सर्दी में भी गिटार बजाओ, तुम्हें मैं खाना नहीं दे सकती।

चींटी ने बहुत सारा खाना इकट्ठा कर रखी थी। उसे बिना किसी चिंता की इस सर्दी में भी पर्याप्त खाना मिलती थी और भूखा टिड्डा ने खाना इकट्ठा नहीं की थी। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ इस सर्दी में उसे भूखा रहना पड़ा।

नैतिक शिक्षा : काम की समय काम करना चाहिए।

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9. हाथी और उसका साथी – Stories in Hindi for class 3 with moral

हाथी और उसका साथी Stories in Hindi for class 3 with moral
हाथी और उसका साथी – Stories in Hindi for class 3 with moral

एक बार की बात है, जंगल में एक हाथी रहते थे। हाथी का एक भी दोस्त नहीं था। एक दिन, हाथी दोस्त की खोज में दूसरी जंगल पर गया। उसने देखा एक बंदर पेड़ मैं बैठा है।

हाथी, बंदर को देखकर उसे दोस्त बनाने का सोचा। हाथी ने बंदर को कहां, “बंदर भाई मेरा कोई भी दोस्त नहीं है। क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी?”

बंदर ने कहा, “मैं तुम्हारी दोस्त कैसे बन सकती हूं। तुम मेरे से कितना बड़ा हो और मैं कितना छोटा हूं। मेरी तरह तुम पेड़ मैं भी नहीं चल सकते हो, नहीं नहीं मैं तुम्हारी दोस्त नहीं बन सकती।”

फिर हाथी एक खरगोश की पास जाकर उससे कहां, “तुम मेरी दोस्त बनोगी?” खरगोश ने कहा, “माफ करना हाथी भाई, मैं तुम्हारी दोस्त नहीं बन सकती। मैं तुमसे बहुत छोटा हूं।”

फिर हाथी एक मेंढक के पास जाकर मेंढक को कहा, “तुम मेरी दोस्त बनोगी मेंढक भाई?” मेंढक ने हाथी को कहा, “मैं तो पानी में रहती हूं। मैं एक हाथी के साथ दोस्ती नहीं कर सकती।”

हाथी दुखी होकर एक जगह पर बैठी थी। क्योंकि, इस जंगल में भी हाथी से कोई भी जानवर दोस्ती नहीं की। अचानक हाथी ने देखा, जंगल के सभी जानवर इधर उधर भाग रही थी।

सभी जानवर परेशान थे। हाथी ने एक लोमड़ी से पूछा, “क्या हुआ है लोमड़ी भाई?” लोमड़ी ने कहा, “शेर हम सबको मारकर खाना चाहती है। इसीलिए सभी जानवर शेर से बचने के लिए इधर उधर भाग रहे हैं।”

हाथी ने जानवरों की जान बचाने के लिए शेर के पास जाकर कहां, “तुम इस जानवरों को नहीं खा सकते हो। शेर ने कहा, “तुम्हें कहने के लिए कौन बोला, तुम अपने काम से काम रखो।”

हाथी के पास कोई रास्ता नहीं था। वह शेर को एक जोर से लात मारी। शेर डर गया, वह डर के मारे सभी जानवरों को छोड़कर वहां से भाग गया।

फिर जंगल के सभी जानवर हाथी के पास आकर कहां, “हाथी भाई तुम हमारी दोस्त बनने के लिए बिल्कुल काबिल हो।” फिर, सभी जानवर हाथी से दोस्ती किया और खुशी से जंगल में रहने लगा।

नैतिक शिक्षा : दोस्त सभी आकृति और आकार में आती है।

 

10. घमंडी गुलाब – Best moral stories in Hindi for class 3

घमंडी गुलाब Best moral stories in Hindi for class 3
घमंडी गुलाब – Best moral stories in Hindi for class 3

एक समय की बात है, बसंत का मौसम चल रहा था। एक बगीची में बहुत ही खूबसूरत खूबसूरत फूल खिले थे। उन फूलों में एक गुलाब फूल भी थी। गुलाब बहुत सुंदर था।

इसीलिए, बाकी सब फूल गुलाब की सुंदरता को सारा दिन देखती रहती थी। गुलाब को उसकी खूबसूरती पर घमंड होती थी। गुलाब कहती थी, “मैं इस बगीचे का सबसे खूबसूरत फुल हूं।”

उसकी बात सुनकर एक सूरजमुखी ने कहा, “तुम यह बात कैसे कह सकते हो? बगीचे में और भी बहुत सारा खूबसूरत फूल है। तुम उन्हीं में से एक हो, तुम अपने आप को कैसे खूबसूरत कह सकते हो।”

गुलाब गुस्से में कहा, “बगीचे का सब फूल मुझे ही खूबसूरत मानते हैं। क्योंकि, मैं ही सबसे खूबसूरत फूल हूं। और तुम इस कैक्टस को तो देखो इसकी शरीर पर तो सिर्फ कांटे ही कांटे है।”

गुलाब की बात सुनकर सूरजमुखी ने कहा, “तुम कैसे कह सकते हो, तुम्हारे शरीर पर भी बहुत सारा कांटा है।” गुलाब ने कहा, “तुम, मेरे साथ उस कैक्टस की तुलना कर रही हो?”

कुछ दिन बीत गए, गुलाब ऐसे ही कैक्टस का मजाक उड़ाता रहता था। लेकिन, कैक्टस कभी कुछ नहीं बोले। ऐसे ही चलते चलते गर्मी का मौसम आया।

कुछ दिन से बारिश नहीं हुआ था, बगीचे में पानी का संकट दिखाई दिया था। पानी की संकट में गुलाब की पंखुड़ियां धीरे धीरे गिरने लगी।

एक दिन, उसने देखा कुछ पक्षी आकर अपनी होठों की मदद से कैक्टस में से पानी पीकर खुशी से उड़ गई। गुलाब यह देखकर कैक्टस से पूछा, “क्या तुम्हें दर्द नहीं होती। पक्षियों को पानी देते हुए?”

कैक्टस ने कहां, “दर्द तो होता है। लेकिन पक्षियों कि प्यार मिट्टी है, मेरे पानी से यह देख कर मुझे खुशी मिलती है।” गुलाब ने कहा, “क्या तुम मुझे तुम्हारी शरीर से थोड़ा पानी दे सकते हो?”

कैक्टस पक्षियों की मदद से गुलाब को पानी दी।  कैक्टस पानी देने से गुलाब की जान बचा था। गुलाब को अपनी गलती का एहसास हुआ और तब से वह दोनों दोस्त बनकर बगीचे में खुशी से रहने लगा।

नैतिक शिक्षा : कभी भी किसी को चेहरा देखकर उनका विचार ना करें।

 

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तो दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आपको 10 Best Moral Stories in Hindi for Class 3 पढ़कर जरूर अच्छी लगी होगी और कृपया करके इन नैतिक कहानियाँ को आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर जरूर करें।

ताकि हर कोई इन मजेदार शिक्षावर्धक कहानियों को पढ़ सके। हमारे आज के विषय Hindi story for class 3 with moral तो पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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