इस लेख में हमारे पास 21 Best Moral Stories in Hindi for Kids का समग्र है। यह सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ नैतिक के साथ हमने आपके लिए विशेष रूप से चुना है।
हर कहानियां मैं आपको कुछ ना कुछ शिक्षा मिलेगी जो लोग और दुनिया को समझने में मदद करेगी। इनमें से कुछ लघु नैतिक कहानियाँ बहुत छोटी और बुनियादी है। इसलिए पढ़ते समय आपकी ध्यान इन कहानियों में बनी रहेगी।
यहाँ हर कहानी नैतिक के साथ है, जो बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद कहानियाँ है। हम आशा करते हैं, कि हमारी यह Best Moral story in hindi पढ़कर आपको बहुत आनंद आएगा। हमारे पास ऐसे ही कुछ और श्रेष्ठ नैतिक कहानियाँ है, चाहे तो आप इसे भी पड़ सकते है।
21 Best Moral Stories in Hindi for Kids | नैतिक कहानियाँ
Table of Contents
1. मुर्ख गधा – Moral Stories in Hindi

एक बार एक गाँव में एक नमक व्यापारी रहता था। वह रोज शहर से नमक लाकर गाँव में बेचता था। नमक व्यापारी के एक गधा था। नमक व्यापारी ने गधा के पीठ पैर चढ़कर नमक शहर से लेकर आता था उसे रस्ते में एक नदी पार करना पड़ती थी।
एक दिन गधा अचानक नदी में गिर गया और उसीके साथ नमक की थाली भी गिर गये थी। गिरते ही सारा नमक पानिमे गुल गयी। और नमक की थाली बहुत हल्का हो गयी।
थाली हल्का होनेसे गधा बहुत खुस हुआ फिर गधा ने रोज एक हे चल चलना शुरू कर दिया। अगले दिन भी गधा नदी में गिर जातेहै सब नमक नदी में गुल जातेहै।
नमक व्यापारी को गधा के चाल समझ में अह गयी थी। उसने गधा को सबक सिखाने के लिए निर्णय लिया। अगले दिन गधा के पीठ पैर एक कपास की थाली लेकर जायेगा।
अगले दिन गधा ने फिर से वाही चाल चली गधा को उम्मीद था थाली पानी में गिएते हे हल्का हो जाएगा।इसलिए वह जान बुझकर पानी में गिर गयी।
लेकिन, भीगे हुए कपास बहुत ही भरी हो गयी थी फिर गधा को उसे सामना करना पड़ा। गधा ने सबक सिख्लिया तबसे यह चाल गधा ने और कभी नहीं चली उस दिन से नमक व्यापारी भी बहुत खुश थी।
नैतिक शिक्षा : किस्मत हमेशा साथ नहीं देता
2. दो दोस्त और भालू – Moral story in Hindi for kids

एक बार की बात है, एक गाँव में तारा और राजू दो बच्चे रहते थे दोनों एकही स्कूल में पढ़ती थी वह दोनों बहुत ही अच्छा दोस्त थे। एक दिन स्कूल में छुट्टी के कारन दोनों दोस्त एक जंगल में गये घुमने के लिए। तारा बहुत डरपोक थे वह तो जंगल में जानेसे दर रही थी।
मुझे बहुत दर लगरह है में जंगल की और अन्दर नहीं जयुंगी। तारा की बात सुनके राजू हंसी और कहा दर किस बात की में तुम्हारे साथ हूँ डरना नहीं डरते हुए तारा राजुके साथ जंगल में गया।
जाते जाते राजूने देखा एक भालू उनकी तरफ चलते हुए आह रही थी, राजू बहुत होशियार और चालक थी उसने भालू को देखते ही जाकर एक पेड़ में चढ़ गया। तारा ने राजू को कहा मुझा भी ले चलो मुझे बहुत दर लगता है भालू से राजू तारा के बात सुना नहीं वह फलेये पेड़ पे जाकर चाद्गाये।
भालू उसकी तारा की पास आह रहीथी, तारा एक मिनिटे के लिए सोचा उसे एक बात याद आई स्कूल में शिक्षक ने उसे बताया था भालू कभी भी मरे हुए इन्सान को नहीं खता। तारा उस बात को याद करके अपनी साँस रुक्के कुछ मिनिटे के लिए वहा सो गया।
राजू पेड़ मेसे छुप कर तारा को देख रही थी उसने देखा भालू धीरे धीरे तारा के पास आकर उसे सूखने लगा। फिर कुछ मिनिटे बाद भालू उसे मरे हुए आदमी सोचके वहा से जंगल में चली गयी।
राजू पेड़ के निचे आकर तारा से पुचा दोस्त भालू तुम्हारे कान पे काया बोल रही थी? राजू के बात सुनके तारा हासी और बताये भालू ने मरे कान पे कहा … तुम्हारे जैसे दोस्त से दूर रहने के लिए। जो मुसीबत में छोड़ कर चले जाती है यह कहकर तारा अपनी घर चला गयी।
नैतिक शिक्षा : सच्चा दोस्त वही है जो मुसीबत में काम आये।
3. सबसे अच्छा दोस्त – Moral stories for kids in Hindi

एक बार की बात है दो दोस्त एक साथ रेगिस्तान से गुजर रहा था जाते जाते रस्ते में दोनों के बिच एक बात को लेकर बहस हुआ। उस बात को लेकर एक दोस्त ने गुस्से में आकर दूसरी दोस्त की गालो पे जोर से थप्पर मारा।
जो मार खाया उसने बहुत ही गुस्सा किया उसकी गलों पे चोट लगी थी उसने बिना कुछ कहें रेट पैर लिखा “आज मेरा सबसे अच्छा दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा।”
फिर दोनों दोस्त रेगिस्तान में चलना सुरु किया तब तक चलता रहा जब तक दोनों को रेगिस्तान में पानी नहीं मिलती। कुछ दूर चलने के बाद दोनों एक नखलिस्तान देखा फिर दोनों नहाने की फैसला किया।
दोनों दोस्त जाकर पानी में नहाने लगी थोड़ी देर बाद जो थप्पड़ खाया वह पानी में फास गया और डूबने लगा तब दुसरे दोस्त ने उसे बचा लिया। उसने नखलिस्तान से बहार आकर एक पत्थर पैर लिखा,
“अज मेरा सबसे अच्छा दोस्त ने मेरा जान बचाया।”
जिस दोस्त ने थप्पड़ मारा था वह दूसरी दोस्त को पुचा “में तुम्हे चोट पहुंचा ने के बाद तुमने रेट पे लिखा। और जब में तुम्हें पानी मेसे डूबता हुए बचाया तो तुम क्यों एक पत्थर पर लिखा?”
दूसरी दोस्त ने जवाब दिया, “जब तुम हमें चोट पहुंचाए तब में रेट पैर लिखा था क्यूंकि अगर जोर से हवा आई तो लिखा मिट जायेगा।
जब कोई हमारे लिए कुछ अच्छा किया तो तब हम पत्थर पैर लिखा क्यूंकि पत्थर में लिख को कोई भी हवा मिटा नहीं सकता। “उसके बाद दोनों दोस्त बात करते करते अपने घर चला गया।
नैतिक शिक्षा : अपनी जीवन में जो कुछ नहीं है उसकी बारे में मत सोचो,जितना कुछ है उसी को लेकर खुश रहो।
4. जादुई पेड़ – Moral Stories in Hindi

एक बार एक गांव में दो भाई रहता था वह दोनों जंगल से लकड़ियां काटकर बाजार में बेचकर अपनी रोजी रोटी चलाता था। बड़ा भाई बहुत ही मतलबी था उसने अपने छोटे भाई की खाना खा लेता था।
छोटे भाई बाजार से कपड़ा खरीदा था और बड़े भाई ने उसकी नया कपड़ा पहन लेता था। एक दिन बड़े भाई जंगल में गया लकड़िया काटने के लिए। जंगल में वह लकड़ियां काट रही थी तब उसने एक बड़ा सा पेड़ देखा।
उस पेड़ को काटने के लिए पेड़ के पास जाकर पेड़ कहने लगा। तब पेड़ उसे कहा कृपया आप मेरी शाखाओं को ना काटे अगर आप मुझे मेरी जान बख्श दोगी तो मैं तुम्हें सोने की Apple दूंगा।
वह सहमत था लेकिन पेड़ ने उसे जो Apple दीया उससे वह निराश थी। उसे लालच काबू करी थी उसने पेड़ को धमकी दी अगर उसे और Apple नहीं देगा तो वह पूरा पेड़ को अभी काट डालेगा।
जादुई पेड़ बड़े भाई सैकड़ों और सैकड़ों छोटी सुइयों पर बौछार करने लगा बड़े भाई दर्द कि मारे मिट्टी पर गिर पड़ा।
छोटे भाई बहुत चिंतित था उसने अपनी बड़े भाई को ढूंढने के लिए जंगल में गया। बड़े भाई को उसी पेड़ के पास मिट्टी में पड़ा पाया, छोटे भाई ने बड़ा भाई के जान बचाया।
तब बड़ा भाई ने हात जोर कर पेड़ से माफ़ी माँगा और बहतर होने के वादा किया। पेड़ बड़ा भाई के दिल में बदलाव देखा उन्हें बहुत सोने के apple दिया, जिनकी उन्हें कभी आवश्यकता होगी।
नैतिक शिक्षा : दयालु और अनुग्रहशील होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमेशा पुरस्कृत किया जाएगा।
5. चतुर लोमड़ी – New Moral Stories in Hindi

कुछ साल पहले के बात है, एक जंगल में एक लोमड़ी रहते थे। कुछ दिनसे वह कुछ खाना नहीं खाई थे वह बहुत हे भूखा थी। उसे कहीं पे भी खाना नहीं मिल रही थी।
एक दिन लोमड़ी खाने की खोज में जंगल पे गये। इधर उधर घूमते घूमते उसने देखा एक मारा हठी रास्ता में परा है। भूक मिठेगी आशा में लोमड़ी, हठी के पास गया।
जानेके बाद, लोमड़ी अपनी दांतों से हठी का मांस काटने लगा। लेकिन कैसे भी हठी का मांस काट नहीं पायें। क्यूंकि, हठी का मांस बहुत ही मोटा और सख्त होता है।
लोमड़ी हठी के मन्न्स खा नहीं पाया। उसने बहुत प्रयास करने के बाद हठी के बगल में आकर बत्गाये। उसे समय लोमड़ी ने एक शेर के आवाज़ सुना शेर ने उसी के तरफ आह रहीथी।
शेर हठी के पास आतेही लोमड़ी विनती होकर शेर को कहा, “आह्ये महाराज, में अप्प केलिए इस मारा हुए हठी को देख रही थी, महाराज भजन करिए।”
शेर ने कहा, “नहीं लोमड़ी में अपना शिकार खुद करती हूँ में मरे हुए जानवर का मांस नहीं खाती, तुम नहीं जानते हो क्या?” यह खाकर शेर वहां से चली गये। लोमड़ी मन मन बहुत ही खुश हुआ, लकिन लोमड़ी का समस्या भी थी।
थोड़ी देर बाद, एक बाघ गर्जन करते करते उसी तरफ अह रहीथी। तब लोमड़ी ने सोचा बाघ को किसीभी तराशे इधर से भागना होगा। लोमड़ी बाघ को कहा, ” बाघ भाई, अप्प जोल्दी से यहाँ से चला जाइये।
क्यूंकि, में इस हठी को महाराज के लिए सामल कर रक्खा है। शेर महाराज अभी नहाने गई है। महाराज बोलके गया कोई बाघ आयगा तो उसे पकड़ कर रखना, महाराज बाघ को मरने की कासम खायी है। आप जल्दी से चले जाएयेन।”
बाघ लोमड़ी के बात सुनते हे उधर से चला गया। थोड़ी देर बाद एक चीते हठी के पास आया। लोमड़ी उसे ढेक कर बहुत ही खुश हुआ उसे पाता था चीते का तेज नाख़ून और दन्त से हठी के मांस कटा जा सकती है।
लोमड़ी हँसते हँसते चीते को स्वागत जनाय। “अरे दोस्त बहुत दिनों के बाद इतना दिन आप कहा थे? आप को देककर लगरह है। आप भूखा हो दोस्त थोडा हठी का मांस खायेए। अह शेर का शिकार है वह अभी नहाने गया है, मुझे देक्भाल करने के लिए बोला है।”
चीते ने कहा, “शेर का शिकार में कैसे खा सकता हूँ, नहीं नहीं में नहीं खाऊंगा। लोमड़ी ने कहा तुम एकदम चिन्ता ना करो में उधर देख रही हूँ अगर शेर आएगा तो में तुम्हें आवाज दूंगा तुम चुपके से चले जाना।”
चीते, लोमड़ी के बात सुनकर हठी के पास आया और उसका टुच्चा अपनी नाख़ून से चिर कर मांस निकला। उसी समय लोमड़ी ने जोर से चिलाया, “सावधान, शेर महाराज अह रही है, आप जल्दी से यहाँ से भाग जाहिए।”
लोमड़ी के बात सुनकर चीते उधर से भाग गया। लोमड़ी बहुत ही खुश हुए खुसी होकर आरामसे हठी का मांस खाने लगा। लोमड़ी सोचा इस पुरे हठी में ही खाऊंगा हठी को लोमड़ी ने उसका भजन बनाया।
नैतिक शिक्षा : किसी भी बिपद से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहे।
6. चार चतुर छात्र – Moral Stories in Hindi with Pictures

एक बार रातको चार कॉलेज के छात्र ने देर रात तक पाती कर रही थी। अगले दिन सुबह कॉलेज के परीक्षा के लिए अध्यन नहीं कियेथी सुबह उन्होंने एक योजना के बारे में सोचा फिर चार छात्र ने खुद को तेल और गन्दगी अपने चहरे पर लगाकर कॉलेज में गया।
कॉलेज में जाकर शिक्षक को कहा, “काल रात हम एक सधी में गये थी रास्ते में हमारे गाड़ी का टायर फट गया और उन्हें गाड़ी को पीछे के तरफ से धकेलना पड़ा इसलिए चारो छात्र परीक्षा देने के लिए स्थिति में नही थे।”
कॉलेज की शिक्षक को उन्ही चार छात्र की चाल समाज में आह गये थी, शिक्षक 1 मिनिटे के लिए सोचा और कहा “हम 3 दिन बाद फिर से परीक्षा ले सकते है।” चारो छात्र शिक्षक को धन्यवाद दिया और कहा हम 3 दिन में पूरी तरहसे तैयार हो जायेंगे।
परीक्षा के दिन वह सब कॉलेज में शिक्षक के सामने उपस्थित हुए। शिक्षक ने कहा यह एक विशेश स्थिति परीक्षा है इसलिए चार छात्र को अलग अलग कमरे में बैठने के लिए कहा, सभी छात्र सहमत थी क्योंकि उन्होंने पिछले 3 दिनों में आचे से पढ़ाई किये थे।
परीक्षा में कुल 100 marks के साथ केबल 2 सवाल सामिल थी।
(1) आपका नाम? (1marks)
(2) कौनसी टायर फट गये थी ? (99marks)
विकल्प
(a) सामने बाएं तरफ (b) सामने दाए तरफ (C) पीछे बाएं तरफ (D) पीछे दाए तरफ
नैतिक शिक्षा : ज़मींदारी लें यह अपने सबक सीखेंगे।
7. ज्ञानी व्यक्ति – Inspirational Moral story in Hindi

एक बार की बात है धोलाक्पुर गाँव में एक बुद्धिमान व्यक्ति रहता था गाँव की सभी लोग उनकी बात सुनती थी। अगर किसी को कुछ भी मुसीबत हुई तो लोग ज्ञानी व्यक्ति के पास जाती थी हाल पूछने के लिए, वह लोगो की मुसीबत सुनकर समाधान बताती थी।
उस व्यक्ति ने लोगो की बहुत मदद करता था लोग उसकी बात मानते हुए जीवन में आगे बरती थी। एक दिन कुछ लोग उस व्यक्ति के पास जाकर अपना अपना मुसीबत बताते है गुरूजी लोगो के बात सुनके हंसी।
हँसते हँसते गुरूजी लोगो को एक jokes बोला। jokes सुनके सब लोग हसने लागा बहुत जोर से हंसने लागा थोड़ी देर बाद गुरूजी same jokes फिरसे लोगोको बोला लेकिन इसबार कुछी लोग हांसी same jokes सुनके।
और कुछ मिनिटे बाद गुरूजी same jokes तीसरी बार सब लोगो को बोला लेकिन इसबार एक भी लोग same jokes तीसरी बार सुनके नहीं हंसी, लोगो को देख कर गुरूजी हंसने लगा और कहा।
मैंने जब तुम सबको एकही jokes बार बार कहा तो तुम सब एकही jokes तीसरी बार सुनके नहीं हांसी। तो क्यों तुम सब एकही मुसीबत को लाकर बार बार दुखी होते हो? सब लोग गुरूजी को धन्यवाद देकर हस्ते हस्ते अपने घर लोट गया।
नैतिक शिक्षा : चिन्ता करने से आपकी समस्या के समाधान नहीं होती,यह सिर्फ आपकी time और energy बर्बाद करती है।
8. साधु और चोर – Hindi moral stories for kids

एक बार, एक ऋषि गंगा नदी के किनारे अपनी छोटी सी कुटिया में रहते थे। बहुत से लोग उनके पास आते थे। एक दिन, एक चोर ने साधु की कुटिया को देखा और कुछ देर तक देखा।
उसने देखा, कि कई चांदी के बर्तन थे। फिर एक रात, चोर उसकी कुटिया में घुस गया। और सारा बर्तन बैग में इकट्ठा कर लिया। साधु अपनी कुटिया के बाहर साधना कर रहे ।
तब साधु को कुछ आवाज सुनाई दिया। साधु ने अंदर जाकर चोर को देखा। साधु को देखकर चोर घबरा गया और बैग वहां छोड़कर भागने लगा।
तुरंत ऋषि, उस बैग को उठाकर चोर के पीछे भागने लगे। जल्द ही उसने चोर को पकड़ लिया। चोर बहुत डर गया, ऋषि ने उससे कहा, “आप क्यों भाग रहे हो? आप क्यों डरते हैं?
आपने अपना बैग पीछे छोड़ दिया है। यह लो, यह आपका है। मेरे साथ आओ मैं आपको कुछ और दूंगा।” फिर चोर ऋषि के साथ आए, और ऋषि उसे और कुछ चीजों के साथ घर भेज दिया।
कुछ वर्षों के बाद, स्वामी विवेकानंद जी तीर्थ यात्रा पर जा रहे थे। उन्होंने एक व्यक्ति को, रास्ते पर असहाय अवस्था में पड़ा देखा।
यह देखकर, स्वामी विवेकानंद जी ने अपना कंबल उसे दे दिया। मनुष्य ने स्वामी जी की ओर देखा। और उन्हें ऋषि और उस चोर की कहानी के बारे में बताना शुरू किया।
मनुष्य ने कहा, “क्या आप उस साधु बाबा के बारे में जानते हो? मैं वह चोर हूं। जिस दिन ऋषि ने मुझे छुआ, उस दिन से मेरे जीवन में परिवर्तन हुआ।
उस दिन से मैंने चोरी करना बंद कर दिया है। और अभी पिछले दिनों मैं किए गए पापों के लिए प्रायश्चित कर रहा हूं।
नैतिक शिक्षा : अच्छी संगति में होने से, हमारे जीवन को सही दिशा मिल सकती है।
9. सपने में – Moral story in Hindi for child

एक रात, एक आदमी ने एक सपना देख रहा था। अपने सपने में, वह समुद्र तट पर भगवान के साथ चल रहा था। कुछ दूर चलने के बाद वहां रुक गया और थोड़ी देर आराम किया।
फिर आदमी ने देखा, कि उसके जीवन के सभी दृश्य आसमान में चमक रहे थे। और वह समुद्र तट पर उनके पैरों के निशान देख सकता था। फिर उस आदमी ने भगवान से पूछा,
“यह दो पैरों के निशान किसका है?” भगवान ने उत्तर दिया, “उन दोनों में से एक पैर का निशान तुम्हारा है और दूसरा मेरा है। जैसा कि मैं, जीवन यात्रा में तुम्हारे साथ चल रहा हूं।”
थोड़ी देर के लिए, आदमी ने आकाश में चमकती अपनी जीवन यात्रा को देखा। उसने फिर से देखा, कि समुद्र तट पर बस एक ही पैर का निशान था।
उस आदमी ने यह भी देखा, कि यह समय उनके जीवन का सबसे कठिन समय था। और जीवन के उस समय, उसके साथ चलने वाला कोई और नहीं था।
वह दुखी होकर भगवान से प्रश्न किया, “भगवान, आपने कहा था कि आप मेरे साथ है। लेकिन, जब मैं अपने जीवन के सबसे कठिन समय से गुजर रहा था।
तो समुद्र तट पर केवल मेरा ही पैर का निशान है। मुझे समझ नहीं आया, कि आप मुझे अकेला क्यों छोड़ा। जब मुझे आपकी सबसे ज्यादा जरूरत है।”
भगवान मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “तुम मेरे बच्चे हो, और मैं तुम्हें कभी अकेला नहीं छोडूंगा। आपके कठिन समय में, आपको केवल एक ही पैर का निशान दिखाई देता है। उस समय, मैं आपको अपनी बाहों में लिया था।”
नैतिक शिक्षा : जब भी आप जीवन में कठिनाई का सामना करते हैं। भगवान पर भरोसा करो, भगवान हमेशा आपके साथ है।
10. एक बूढ़ा आदमी – Top 10 Moral Stories in Hindi

दोस्तों यह कहानी एक बूढ़ा आदमी की है जिसका नाम मनोरंजन था, बहत साल पहले की बात है धोलाक्पुर गाँव में एक मनोरंजन नाम की बूढ़ा आदमी रहता था।
मनोरंजन दुनिया की सबसे दुर्भाग्य साली लोगो में से एक था। पूरा गाँव उनसे थक गया था। वह हमेशा उदास रहता था, वह लगातार लोगो को शिकायत करता था मनोरंजन हमेशा ख़राब मोड में रहता था।
वह जितना अधिक समय तक जीवित रहता था, उतना ही अधिक पित्त बनता जा रहा था। और उतना ही जहरीला उसकी बातें था।
लोग उससे बचने के लिए उसे देख कर छुपता था। क्यूंकि, उसका दुर्भाग्य संक्रामक हो गया था। उसका आगे ख़ुशी होना भी अस्वाभाविक और अपमानजनक होगया था।
मनोरंजन लोगो की मन में नाखुशी की भावना पैदा किया था। लकिन, एक दिन आया जब मनोरंजन 80 साल हो गया था। उसी दिन एक अविश्वसनीय बात हुई।
तुरंत हर कोई अफवाह सुनाने लगा, मनोरंजन बहुत ही खुश था। किसी भी चीज की बारे में शिकायत नहीं कर रहा था। यहाँ तक की उसका चेहरा भी ताजा हो गया था।
पूरा गाँव का लोग इकट्ठा हो गया। सब लोगो जाकर मनोरंजन से पूछा अज्ज आपको क्या हुआ? मनोरंजन लोगो की बात सुनके हंसने लगा और कहा “कुछ खास नहीं आज में 80 साल का हो गया। 80 साल से ख़ुशी के पीचा कर रहा था और यह बेकार का मतलब था।
फिर में ख़ुशी के बिना जीना का फैसला किया और बस जीवन की आनंद लिया। इसीलिए में आज खुश हूँ” गाँव का सब लोग उसकी बात सुनकर बहुत ही खुश हुए। फिर सब लोग अपना अपना घर लौट गया।
नैतिक शिक्षा : मनोरंजन की तरह अपनी जिंदगी को लेकर हमेशा दुखी मत हो। भगवान हमें जो कुछ भी दिया है, उससे हम खुश और शांति से रह सकते हैं।
Stories in hindi with moral for kids
11. खूबसूरत दिल | नैतिक शिक्षाप्रद कहानियाँ
12. भगवान की योजना | Moral Stories in hindi
13. शिक्षण कौशल | Naitik Shikshaprad Kahani
14. कुछ और मूल्यवान | नैतिक कहानियाँ
15. बेकार नहीं | शिक्षाप्रद कहानियाँ हिंदी में
16. झील में नमक | New Shikshaprad Kahaniyan
17. ज्यादा जिम्मेदारी | Hindi Shikshaprad Kahaniyan
18. कंघी बिक्री | Moral Stories in Hindi
19. पेंच का मूल्य – नैतिक कहानिया
20. नजर रखना | Moral Story Hindi me
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21. राजा मिडास | Long Moral Stories
22. ईमानदार विक्रेता | Hindi Naitik Kahaniya
23. एक समझदार उल्लू Hindi Moral Story
तो दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आपको 21 Best Moral Stories in Hindi for Kids पढ़कर जरूर अच्छी लगी होगी और कृपया करके इन नैतिक कहानियाँ को आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर जरूर करें।
ताकि हर कोई इन मजेदार शिक्षावर्धक कहानियों को पढ़ सके। हमारे आज के विषय Moral story in hindi तो पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
This was really really an amazing story.
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