शिक्षण कौशल – Shikshan kaushal | Best Hindi Moral stories

यह Best Hindi Moral Stories हमने आपके लिए विशेष रूप से चुना है। इस शिक्षण कौशल – नैतिक कहानी को पढ़कर आपको कुछ अच्छी शिक्षा मिलेगी, जो आपको इस दुनिया को समझने में मदद करेगी।

इस लिख में हमने आपके साथ एक शिक्षण कौशल कहानिया साझा किया है। जो दो लकड़ियां काटने वाला दोस्त की है, यह कहानियां कुछ अच्छी कहानियां में से एक है।

और हम इसलिए आशा करते हैं, कि हमारी यह Shikshan kaushal Best Hindi Moral Stories पढ़कर आपको बहुत आनंद आएगा। हमारे पास ऐसे ही कुछ और Moral Stories है, चाहे तो आप इसे भी पड़ सकते है।

 

शिक्षण कौशल – Shikshan kaushal | Best Hindi Moral stories

शिक्षण कौशल - Shikshan kaushal Best Hindi Moral stories

एक बार, एक गांव में दो लकड़ी काटने वाली अर्जुन और भीम रहते थे। प्रतिदिन सुबह वह दोनों साथ में लकड़ी काटने के लिए जंगल में जाते थे।

अर्जुन और भीम जंगल से लकड़ी काटकर पास के बाजार में बेचते थे। वह दोनों जीवित रहने के लिए अच्छी कमाई करते थे।

एक दिन जब लकड़ियां काटते काटते। वह दोनों थोड़ी आराम करने के लिए और दोपहर का खाना खाने के लिए बैठा। तो अर्जुन ने एक भिखारी को देखा।

जो बहुत पतला और थका हुआ लग रहा था। जैसे ही भिखारी उनके पास से जा रहा था। उसने अर्जुन और भीम को देखकर उनसे कुछ खाना भीख मांगी।

“मुझे बहुत भूख लग रही है। क्या आप दोनों में से कोई मुझे खाने के लिए कुछ टुकड़ा दे सकते हैं?”

अर्जुन को उस भिखारी पर दया आ गई। उसने अपनी बैग की तरफ देखा और उनमें से एक खाने का पैकेट निकालकर भिखारी को देने गया।

जो खाना बाद में खाने के लिए रखा गया था। लेकिन इससे पहले कि अर्जुन भिखारी को खाना दे पाता। भीम ने उसका हाथ पकड़ कर खाना वापस खींच लिया।

फिर भीम ने भिखारी को कहा, हमारे पास तुम्हें देने के लिए कुछ नहीं है। हम दिन भर कड़ी मेहनत करते हैं, और हमें सारा दिन काम करने के लिए पर्याप्त भजन चाहिए।
इसीलिए, हम आपको यह खाना नहीं दे सकते। आप चाहो तो हमारी कुल्हाड़ी उधार में ले सकते हैं। और हम आपको सिखाएंगे की लकड़ियां कैसे काटी जाती है।

और आप इस लकड़ियों को बाजार में जाकर बेच सकते हैं। हम आशा करते हैं, आपके पास दिन के अंत में अपने लिए भजन भोजन खरीदने का पर्याप्त पैसा होगा।

इस तरह आप खुद के लिए, लकड़ियां काटना सीख सकते हैं। उन पैसों से आप खुद की पेट पाल सकते हैं। हमें उम्मीद है, आपको फिर कभी भी नहीं मांगनी पड़ेगी।

भिखारी थोड़ा निराश हुआ, लेकिन उनके साथ लकड़ियां काटने लग गया। भीम और अर्जुन ने उसे सिखाया लकड़ियां कैसे काटी जाती है।

Shikshan kaushal | Best Hindi Moral stories

दिन के अंत में, वे तीनों साथ में बाजार गए लकड़ियां बेचने के लिए। पहले तो भिखारी लकड़ियां को नहीं बेच पाई। भिखारी थोड़ा गुस्से में कहा,

“यह बहुत आसान होता, अगर आप दोनों मेरे साथ थोड़ा खाना साझा करता।”

जब वह यह सोच रहा था, तब एक बड़ा सा गाड़ी उनके सामने आकर खड़ी हुई। एक व्यक्ति गाड़ी में से नीचे आया और उनसे पूरा लकड़ियों का गुच्छा खरीद लिया।

भिखारी हाथ में पैसा देख कर सो गया। गर्भ से उन पैसों को अर्जुन और भीम को दिखाने के लिए उनके पास गया। भीम उसे एक कुल्हाड़ी के दुकान पर ले गया।

और उनके द्वारा कमाए गए पैसों से एक नई कुल्हाड़ी खरीदी। भिखारी बहुत खुश था, उसने उन दोनों को धन्यवाद दिया। और अपने लिए कुछ खाना खरीद कर चल दिया।

भिखारी वहां से जाने के बाद भीम ने अर्जुन से कहा, “अगर तुम उस वक्त भिखारी को कुछ खाना दिया होता। तो वह खाना खा लेता, और रात को फिर से भूखा हो जाता।

हमने उसे सिखाया की लकड़ियों का व्यापार कैसे शुरू किया जाए। जो जीवन भर चलेगा। अब से वह फिर कभी भी भूखा नहीं रहेगा।

नैतिक शिक्षा : एक कहावत है, उन्हें मछली मत दो बल्कि उन्हें मछलियां पकड़ना सिखाओ।

 

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तो दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आपको Shikshan kaushal Hindi Moral Stories पढ़कर जरूर अच्छी लगी होगी। और कृपया करके इन  कहानियाँ को आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर जरूर करें।

ताकि, हर कोई इन मजेदार शिक्षावर्धक कहानियों को पढ़ सके। हमारे आज के विषय Best Hindi Moral stories तो पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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