17 Best Birds Stories in Hindi 2022 | पक्षियों की कहानियां

इस लेख में हमारे पास 17 Best Birds stories in hindi का समग्र है, यह पक्षियों की कहानियां हमने आपके लिए विशेष रूप से चुना है। यहां हर कहानियाँ से आपको कुछ ना कुछ सीखने को मिलेगी। जो इस दुनिया को समझने में आपकी मदद करेगी। हर बच्चा Stories of birds in Hindi पढ़ना और सुनना पसंद करते हैं।

इनमें से कुछ पक्षियों की कहानी बहुत छोटी और बुनियादी है। इसलिए पढ़ते समय आपकी ध्यान इन Stories में बनी रहेगी। यहाँ कुछ Stories on birds in Hindi बहुत ही रोचक और शिक्षावर्धक है। जिन्हें पढ़कर आपको अनंत भी आएगा और शिक्षा भी मिलेगी, इन शिक्षा को प्रयोग करके आप जीवन में सफलता पा सकते हो।

17 Best Birds Stories in Hindi 2022 | पक्षियों की कहानी

 

1. पक्षियों का राजा – Birds stories in Hindi

पक्षियों का राजा – Birds stories in Hindi

एक बार जंगल में सभी पक्षी इकट्ठा हुए। और फैसला किया, कि उन पक्षियों के बीच एक राजा होना चाहिए। लेकिन पक्षियों का राजा कौन बनेगा? तब मैना को एक विचार आया।

उसने सुझाव दिया, “हम सभी पक्षियों के बीच एक प्रतियोगिता रखें। और जो सबसे ऊंची उड़ान भरता है, उसे सभी पक्षियों के राजा माना जाएगा।”

सभी पक्षियों को यह विचार पसंद आया। पक्षियों ने इसके लिए सहमति बनाई। एक ईगल जो वहां मौजूद था। अपने बड़े शरीर के बारे में दावा करना शुरू कर दिया और कहा,

“मैं सभी पक्षियों में सबसे ज्यादा मजबूत हूं। और आप सभी जानते हैं, कि केवल मैं ही हूं जो उच्चतम उड़ान भर सकता है। तो फिर प्रतियोगिता क्यों? मुझे अब राजा क्यों नहीं माना जाए।”

“लेकिन संभावना है कि आप शायद जीत नहीं सकते।” थोड़ी आवाज की। ईगल चारों ओर मुड़कर देखा कि यह किसने कहा। वह आश्चर्य था क्योंकि एक छोटा गौरैया यह कहा था।

मजाकिया स्वर में ईगल ने कहा, “अरे मुझे कौन हारा रहे हैं, आप?” गौरैया ने कुछ नहीं कहा, बाद में सभी पक्षी प्रतियोगिता के लिए तैयार हो गया।

जैसे ही एक उल्लू ने संकेत दिया, सभी पक्षी हवा में उड़ने लगे। लेकिन वे बहुत अधिक और लंबे समय तक नहीं उड़ सके। एक एक करके सभी पक्षी प्रतियोगिता से बाहर हो गए।

केवल ईगल ऊंचाई में उड़ रहा था, हमेशा की तरह। फिर ईगल ने नीचे देखा कि सभी पक्षियों ने हार मान ली है। उन्होंने कहा, “मैं तो पहले ही कहा था, केवल मैं ही हूं जो सबसे ऊंची उड़ान भर सकता है।

अब आप सभी सहमत हैं कि मैं पक्षियों का राजा हूं।” ईगल को पता नहीं था, कि नन्हा गौरैया उनकी पंखों के नीचे उड़ रहा है। जिस क्षण उसने रुका, नन्हा गौरैया बाहर निकल गया।

वह ईगल के सिर के ठीक ऊपर उड़ गया। और चिल्लाया, “नहीं नहीं मिस्टर ईगल भाई, मैं सभी पक्षियों का राजा हूं। देखो मैं तुमसे ज्यादा ऊंचाई पर हूं।”

सभी पक्षी गौरैया से सहमत थे। किसी भी मामले में गर्वित ईगल को प्रतियोगिता में हड़ता हुआ देखकर सभी खुश थे। फिर सभी पक्षियों ने ईगल को अपना राजा चुना।

नैतिक शिक्षा : अगर कुछ कार्य आपकी क्षमता से अधिक मजबूत है। तो इसका मतलब यह नहीं है, आपको कोशिश करने से पहले छोड़ देना चाहिए। इसके बजाय आपको सोच समझकर कोशिश करनी चाहिए।

 

2. लोमड़ी और सारस – Stories of birds in Hindi

लोमड़ी और सारस – Stories of birds in Hindi

एक बार जंगल में एक लोमड़ी और एक सरस पड़ोसी जैसा रहता था। दोनों बहुत ही अच्छा दोस्त था। लेकिन लोमड़ी बहुत चालाक थी, वह दूसरों के साथ चालाकी करता था।

एक बार लोमड़ी की जन्मदिन पर लोमड़ी उसकी सभी दोस्तों को आमंत्रण किया। सारस को भी आमंत्रण किया। लोमड़ी ने अपने जन्मदिन पर सारस के साथ चालाकी करने का सोचा।

शाम होते ही सारस लोमड़ी के जन्मदिन पार्टी मैं उसके घर गया। सारस आते ही लोमड़ी उसका शुक्रिया अदा किया और दोनों खाना खाने के लिए टेबल पर गया।

लोमड़ी ने सारस के साथ चालाकी करने के लिए चिकन सूप बनाया था। सूप एक प्लेट में डालकर सारस को पीने के लिए दिया, और एक प्लेट अपने लिए रखा।

लेकिन सूप प्लेट में होने के कारण सारस उसे पी नहीं पाया। सारस सूप पीने के लिए बहुत कोशिश किया। लेकिन उसकी हॉट लंबी होने के कारण नहीं पी पाया।

लोमड़ी ने सूप आराम से पिया उसने चिकन सूप का आनंद लिया। और सारस दुखी होकर घर लौट गया। लेकिन सारस लोमड़ी की चालाकी समझ गई थी।

कुछ दिन जाने के बाद सारस की जन्मदिन आया। उसने लोमड़ी को सबक सिखाने के लिए उसे आमंत्रण करने गया उसके घर पर। लोमड़ी सरस को देखकर मन मन सोचा।

“यह सारस कितना बेवकूफ है। मैं उसे इतना बेवकूफ बनाया, फिर भी आया मुझे आमंत्रण करने।” फिर लोमड़ी ने सारस की जन्मदिन पार्टी में गया उसके घर पर। सारस लोमड़ी को देख कर कहा,

“तुम आ गए हो दोस्त, मेरा भाई आज बहुत ही अच्छा चिकन सूप बनाया है। चलो हम दोनों जाकर सूप पीते हैं।” इस बार सारस लोमड़ी को सबक सिखाने के लिए चिकन सूप ग्लास में दिया।

लोमड़ी की मुंह ग्लास के अंदर जा नहीं पाया। लेकिन सारस उसकी होठों को सूप में डूबा कर आराम से पिया। लोमड़ी ने बहुत कोशिश करने की बावजूद उसने सूप पी नहीं पाया।

उसने सोचा यह सारस तो मुझसे भी ज्यादा चालाक है। लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास हुआ। लोमड़ी ने सारस से माफी मांगा, फिर दोनों अच्छा दोस्त बनकर खुशी से रहने लगा।

नैतिक शिक्षा : सबके साथ ऐसा उपयोग करो, जैसा उपयोग तुम्हें मिलना चाहिए।

 

3. प्यासा कौआ – पक्षियों की कहानियां

प्यासा कौआ – पक्षियों की कहानियां

एक बार, एक जंगल में एक कौआ रहता था। तब गर्मी का मौसम चल रहा था। एक दिन, कौआ को बहुत ज्यादा प्यास लगा था। वह पानी की तलाश में यहां वहां भागता रहा, लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिला।

लेकिन कौआ हिम्मत नहीं हारी। वह जंगल के ऊपर से जा रहा था पानी की तलाश में। जाते जाते उसने एक मटकी दिखा, जो एक पेड़ के नीचे पड़ा था।

वह उड़कर मटकी के ऊपर बैठा और झांक कर देखा की बहुत ही कम पानी था, मटकी में। पानी इतना नीचे था कि उसके लिए अपनी चोंच की मदद से पीना संभव नहीं था।

कौआ निराश हो गई लेकिन वह हार नहीं मानी। क्योंकि, कौआ बहुत ज्यादा प्यासा था। उसने मटकी नहीं छोड़ी, फिर उसकी नजर अचानक कुछ कंकड़ के ढेर पर पड़ी जो पेट के नीचे पड़ी थी।

उसके दिमाग में एक अद्भुत विचार आया। कि कंकड़ को मटकी में गिराकर पानी के स्तर को ऊंचा किया जा सकता है। फिर उसने मटकी में एक एक करके कंकड़ डालना शुरू किया।

और अंत में पानी का स्तर कंकड़ डालने के कारण ऊंचा हो गया। फिर कौआ अपनी चोंच की मदद से कुछ ज्यादा ही पानी पिया और खुश होकर वहां से उड़ गया।

नैतिक शिक्षा : मुश्किल समय में मेहनत और समझदारी से काम लेना चाहिए।

 

 

4. सबसे खुश पक्षी – Stories on birds in Hindi

सबसे खुश पक्षी - Stories on birds in Hindi

एक बार, एक कौआ जंगल में रहता था। वह अपने काला रंग से बहुत परेशान था, वह बिल्कुल संतुष्ट नहीं था। एक दिन, उसने एक हंस को देखा।

उसने सोचा, “यह हंस इतना सफेद है, और मैं इतना काला हूं। यह हंस तो दुनिया का सबसे सुखी पक्षी होना चाहिए।” उन्होंने हंस से अपने विचार व्यक्त किए।

हंस ने उत्तर दिया, “मैं एक तोता को देखने से पहले सबसे खुश पक्षी था। जो दो रंग का था। मुझे लगता है कि तोता सृष्टि का सबसे खुश पक्षी है।

कौआ फिर तोते के पास पहुंचा। फिर उन्होंने तोते से अपने विचार व्यक्त किए। तोते ने समझाया, “जब तक मैं मोर नहीं देखा था,

तब तक मैं बहुत खुशहाल जीवन जी रहा था। क्योंकि मेरे पास केवल दो रंग है, और मोर के कई रंग है।” फिर कौआ चिड़ियाघर में एक मोर के पास गया।

और उसने देखा कि, मोर को देखने के लिए सैकड़ों लोग आए थे। लोगों के जाने के बाद, कौआ मोर के पास गया। और कहां, “आप बहुत सुंदर है,

हर दिन हजारों लोग आपको देखने आते हैं। और जब लोग मुझे देखते हैं, तो बे तुरंत मुझसे दूर हो जाते हैं। मुझे लगता है, कि आप दुनिया का सबसे खुश पक्षी है।”

मोर ने जवाब दिया, “मैं हमेशा सोचता था, मैं दुनिया का सबसे सुंदर और खुश पक्षी हूं। लेकिन मेरी सुंदरता के कारण, मैं इस चिड़ियाघर में फंस गया हूं।

इसीलिए मुझे लगता है कि कौआ एकमात्र ऐसा पक्षी है। जिसे पिंजरे में ही नहीं रखा जाता है। पिछले कुछ दिनों से मैं सोच रहा था। कि अगर मैं एक कौआ होता, तो मैं खुशी से जहां मर्जी वहां घूम सकता था।”

नैतिक शिक्षा : हम हमेशा अपने गुणों को कम आंकते हैं, और दूसरों को महत्व देते हैं।

 

5. किसान और सारस – Story on birds in Hindi

किसान और सारस - Story on birds in Hindi

एक बार, एक किसान को पता चला कि सारस उसके नया बोए गए मकई को नष्ट कर रहे थे। एक शाम, किसान ने हानिकारक पक्षियों को पकड़ने के लिए,

खेतों में जाल लगाया। जब वह अगली सुबह खेतों की जांच करने गए। तो उन्हें कुछ सारस पक्षी मिला, जो जाल में फंस गए थे।

किसान को देख कर उनमें से एक सारस रोने लगा। “मुझे छोड़ दो, क्योंकि मैंने तुम्हारा कोई भी मकाई नहीं खाया है। ना ही मैंने तुम्हें कोई नुकसान नुकसान पहुंचाया है।

मैं एक गरीब निर्दोष सारस हूं। जैसा कि आप देख सकते हैं, एक बहुत ही संदिग्ध पक्षी। मैं अपने माता-पिता का बहुत सम्मान करता हूं।”

लेकिन, किसान ने सारस को छोटा कर दिया। उसने कहा, “यह सब सही हो सकता है, मैं कहता हूं। क्योंकि मैंने तुम्हें उन पक्षियों के साथ पकड़ा है।

जो मेरी फसलों को नष्ट कर रहे थे। और उन पक्षियों के साथ तुम्हें भी नुकसान उठाना पड़ेगा, जिन पक्षियों के साथ तुम आए थे।

नैतिक शिक्षा : लोगों को इस बात से आंका जाता है, कि उन्होंने संगठन में क्या रखा है।

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6. एक समझदार उल्लू – पक्षियों की कहानी

एक समझदार उल्लू - पक्षियों की कहानी

एक बार की बात है, एक बड़ा पेड़ में एक उल्लू रहता। वह रोज अपने आसपास घटने वाली घटनाओं को पेड़ पे बैठकर देखता था।

कॉल उन्होंने एक लड़के को देखा जो एक बूढ़े आदमी का help कर रहा था। और आज उसने देखा एक लड़की को जो कि अपनी मां से चिल्लाते हुए बात कर रही थी। उल्लू बिल्कुल चुप रहता था।

और बहुत कुछ पेड़ पे बैठकर देखता था। जैसे जैसे दिन बिताते गया उल्लू कम बोलते गया लेकिन अधिक सुना। बूढ़े उल्लू ने लोगों को बातें करते और कहानी सुनाते हुए सुना।

उल्लू सुना एक लड़की ने बोला एक हाथी एक बाड़ पर कूद गया। वह फिर सुना एक युवा लड़के ने कहा वह कभी भी गलती नहीं किए।

बूढ़े उल्लू अभी तक पेड़ में बैठकर लोगों के बीच घटती हुई घटनाओं को देखता और सुनता रहा। कुछ लोग ऐसे थे जो बेहतर हो गया और कुछ लोग ऐसे थे जो खराब हो गया।

लेकिन बूढ़ा उल्लू रोज पेड़ मैं बैठकर,चुप रहकर और भी समझदार बनते जा रहा था।

नैतिक शिक्षा : कम बात करें और अधिक सुने, यह हमें बुद्धिमान बना देगा।

 

 

7. माँ, बत्तख – birds stories in hindi

माँ, बत्तख – birds stories in hindi
माँ, बत्तख – birds stories in hindi

एक दिन, एक मां बत्तख और उसकी छोटी छोटी बत्तियाँ झील पर जा रही थी। बत्तखें अपनी मां के साथ रास्ते से चलते हुए बहुत खुश थे।

अचानक मां ने देखा कि, एक लोमड़ी दूर से बच्चों को देख रहा है। वह भयभीत थी और चिल्ला रही थी। “बच्चे जल्दी जेल में जाओ, एक लोमड़ी आ रहा है।”

बत्तखें झील की और भागी। मां ने सोचा कि अभी क्या करना है? फिर वह एक पंख को जमीन पर घसीटते हुए, आगे पीछे चलने लगी।

जब लोमड़ी ने उसे देखा, तो वह बहुत खुश हो गई। उन्होंने सोचा, “ऐसा लगता है कि वह आहत है, और उड़ नहीं सकते हैं।

मैं आसानी से उसे पकड़ सकता हूं, और खा सकता हूं।” फिर लोमड़ी उसकी ओर भागा। माँ, बत्तख भाग गई और लोमड़ी को झील की ओर ले गई।

लोमड़ी ने उसका पीछा किया। मां ने सोचा, अब वह अपनी बत्तख को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। माँ बत्तख ने अपनी बच्चों की और देखा।

और देखा कि, वह झील पर पहुंच गए हैं। वह निश्चिंत थी, इसलिए वह रुक गई और एक गहरी सांस ली। लोमड़ी ने सोचा कि वह थक गई है।

और वह करीब आ गई, लेकिन मां ने जल्दी से अपनी पंख फैलाए और हवा में उड़ गई। वह झील के बीच में उतरा और उसकी बत्तखें के उसकी पास तैर गई।

लोमड़ी ने मां को और उसकी बत्तखें को देख रहा था। लोमड़ी उन तक नहीं पहुंच सका, क्योंकि वह झील के बीच में थे।

 

8. लोमड़ी और कौआ – bird stories in hindi

लोमड़ी और कौआ - bird stories in hindi
लोमड़ी और कौआ – bird stories in hindi

एक बार की बात है, जंगल में एक लोमड़ी रहती थी। वह दो दिन से भूखा था, उसे खाने के लिए कुछ भी नहीं मिला। लोमड़ी भोजन की तलाश में जंगल से जा रहा था।

फिर उसने देखा एक कौआ एक पेड़ की शाखा पर बैठा है, उसकी मुंह में एक रोटी का एक टुकड़ा था। रोटी का टुकड़ा देखकर लोमड़ी की मुंह में पानी आ गया।

और उसने वह रोटी कौआ की मुंह से छीन ना चाहा। फिर लोमड़ी एक जोजोना की बारे में सोच कर पेड़ के पास गई और कौआ की आवाज की बहुत तारीफ की।

फिर लोमड़ी कौआ से एक गीत गाने की प्रार्थना की। कौआ अपनी झूठी तारीफ सुनकर इतना तल्लीन हो गया कि वह भूल ही गया उसकी मुंह में एक रोटी का टुकड़ा है।

कौआ गर्व महसूस करने लगा। से ही कौआ ने गीत गाने के लिए अपना मुंह खोला, रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गया।

लोमड़ी जल्दी से रोटी का टुकड़ा लिया और वहां से भाग गया। थोड़ी दूर जाकर लोमड़ी खुशी से अपना भोजन किया। और कौआ दुखी होकर वहां रोने लगा।

नैतिक शिक्षा : कभी भी अगर कोई तुम्हारी जरूरत से ज्यादा तारीफ करेगा तो उनकी बातों पर भरोसा करने से पहले एक बार जरूर सोचना।

 

9. किसान और चिड़िया – पक्षियों की शिक्षाप्रद कहानियाँ

किसान और चिड़िया – पक्षियों की शिक्षाप्रद कहानियाँ
किसान और चिड़िया – पक्षियों की कहानियाँ

कुछ समय पहले की बात है, एक बहुत मेहनती किसान था। कड़ी धूप में उसने खेतों में काम किया और परिणाम स्वरूप बहुत अच्छी फसल हुई। फसल को देखकर किसान बहुत खुश थे।

क्योंकि, फसल काटने का समय आ गया था। इसी बीच खेतों में एक चिड़िया घर बना लिया था, उनके बच्चे अभी बहुत छोटे थे। एक दिन, किसान अपने बेटे के साथ खेत पर आया।

और कहां, “बेटा ऐसा करो, कि अपने सभी रिश्तेदारों को आमंत्रण करो। ताकि अगले शनिवार आकर फसल काटने में हमारी मदद करें।” यह सुनकर, चिड़िया के बच्चे बहुत घबरा गया।

और अपनी मां से कहने लगे, “अब हमारा क्या होगा? अभी तो हम पूरी तरह से उड़ने लायक नहीं हुए हैं।” मां चिड़िया ने कहा, “तुम सब चिंता मत करो। जो दूसरे के सहारे चलता है, उसकी कोई मदद नहीं करता।”

अगले शनिवार, जब बाप बेटे खेत पर पहुंचे। तो वहां कोई भी रिश्तेदार नहीं था। दोनों को बहुत निराशा हुई। फिर पिता ने बेटे से, सभी रिश्तेदारों को फिर से आमंत्रण करने के लिए कहा।

इस बार भी चिड़िया ने, अपने बच्चों के साथ बिना डर कर वहां खेतों में रहा। अगले हफ्ते जब दोनों बाप बेटे खेत पर पहुंचे। तो देखा कोई भी रिश्तेदार सहायता करने नहीं आया था।

तो किसान ने बेटे से कहा, “जो इंसान दूसरों का सहारा लेकर जीना चाहते हैं, उसका यही हाल होता है। उसे हमेशा निराशा ही मिलता है, अब चलो घर जाते हैं।

कल सुबह, हम फसल कटने का सामान लेकर आएंगे। और इस फसल को हम दोनों मिलकर काटेंगे।” चिड़िया ने जब यह सुना, तो उसने अपने बच्चों से कहने लगी।

“चलो, अब जाने का समय आ गया है। जब इंसान, खुद का काम खुद करने की प्रतिज्ञा कर लेता है। तो फिर उसे किसी के सहारे की जरूरत नहीं पड़ती है।

और ना उसे कोई रोक सकता है।” इससे पहले कि बाप बेटे फसल काटने आए। चिड़िया, अपने बच्चों को लेकर एक सुरक्षित स्थान पर चले गए। फिर बाप बेटे दोनों मिलकर खुशी से फसल काटी।

 

10. एकता में बल – Pakshiyon ki kahani

एकता में बल – Pakshiyon ki kahani
एकता में बल – Pakshiyon ki kahani

एक समय की बात है, कबूतरों का एक दल आसमान में भोजन की तलाश में उड़ता हुआ जा रहा था। बहुत समय उड़ने के बाद, एक युवा कबूतर को नीचे हरियाली नजर आई।

युवा कबूतर ने बाकी सभी कबूतरों को कहा, “सुनो भाइयों, नीचे एक खेत में बहुत सारा दाना बिखरा पड़ा है। हम सब का पेट भर जाएगा। चलो हम सभी एक एक दाना चुनकर खाते हैं।”

सभी कबूतर नीचे उतरा और दाना चुनने लगा। वास्तव में वह दाना, पक्षियों को पकड़ने के लिए फैलाया गया था। और ऊपर पेड़ पर जाल लगाया गया था।

जैसे ही कबूतर का दल दाना चलने लगा, जाल उन पर आ गिरा। सारे कबूतर फस गए। फिर उनमें से एक कबूतर रोने लगा। “हम सब मर जाएंगे।” सभी कबूतर, हिम्मत हार बैठे थे।

पर युवा कबूतर सोच में डूबा था। उसने कहा, “जाल मजबूत ठीक है। अगर हम सभी एक साथ मिलकर उड़ने की कोशिश करें। तो हम जाल को साथ में लेकर आसानी से उड़ सकते हैं।”

सबने ऐसा ही किया। जाल साथ में लेकर सभी कबूतर एक साथ उड़ने लगा। तभी, जाल बिछाने वाला किसान कि नजर में आया। वह हाथ में डंडा लेकर कबूतरों को मारने के लिए दौड़ा।

सारे कबूतर एक साथ जोर लगाकर उड़े, तो पूरा जाल हवा मे ऊपर उठा। सारे कबूतर जाल को लेकर उड़ने लगे। कबूतरों को जाल के साथ उड़ते देखकर किसान अवाक रह गया।

युवा कबूतर जानता था, कि अधिक देर तक कबूतर दल के लिए जाल को साथ में लेकर उड़ना संभव नहीं होगा। पर युवा कबूतर के पास इसका उपाय था।

पास की पहाड़ी पर, उसका एक चूहा दोस्त रहता था। युवा ने, कबूतरों को पहाड़ी की ओर उड़ने का आदेश दिया। पहाड़ी पर पहुंचते ही, युवा कबूतर ने दोस्त चूहे को आवाज दी।

फिर, चूहा बिल में से बाहर आया। युवा कबूतर ने चूहे को सारी घटना बताई और जाल कटकर उन्हें आजाद करने के लिए कहा।

कुछ ही देर में चूहे ने वह जाल काट दिया और सभी कबूतरों को मुक्त किया। युवा कबूतर ने, अपना दोस्त चूहे को धन्यवाद दिया। फिर सभी कबूतर आकाश में आजादी की उड़ान भरने लगा।

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11. चींटी और कबूतर – Hindi Birds stories

चींटी और कबूतर - Hindi Birds stories
चींटी और कबूतर – Hindi Birds stories

एक समय की बात है, गर्मी का मौसम चल रहा था। जंगल में एक चींटी को बहुत ज्यादा प्यास लगी थी। चींटी ने, पानी ढूंढते हुए एक नदी के पास पहुंचा नदी में पानी देखकर चींटी बहुत खुश हुआ।

वह पानी पीने के लिए एक छोटी चट्टान पर चढ गया। लेकिन, चींटी वहां से फिसल कर पानी में गिर गया। वह धीरे धीरे पानी में डूबने लगा.

उसी नदी के पास पेड़ में एक कबूतर बैठा था। कबूतर पेड़ मैं से चींटी को पानी में डूबते हुए देखा, वह जल्दी से एक पत्ता नदी में फेंक दिया। चींटी थोड़ा ताकत लगा कर उस पत्ते पर चरके अपना जान बचा लिया।

चींटी ने, कबूतर से अपना जान बचाने के लिए शुक्रिया अदा किया। फिर, वह दोनों अच्छे दोस्त बनकर जंगल में एक साथ खुशी से रहने लगा।

एक दिन, एक शिकारी शिकार करने के लिए जंगल में आया था। उसने देखा एक खूबसूरत कबूतर पेड़ मैं बैठा है। वह कबूतर को अपना शिकार बनाने के लिए सोचा।

फिर, शिकारी अपना बंदूक निकाल कर कबूतर को निशाना किया। कबूतर को शिकारी के बारे में कुछ पता नहीं था वह आराम से पेड़ में बैठा था। लेकिन, चींटी ने शिकारी को देख लिया था।

चींटी ने कबूतर की जान बचाने के लिए शिकारी के पास गया। और उसकी पैरों में जोर से काटा। शिकारी दर्द में चिल्लाया तब उसकी बंदूक हाथ में से गिर गया।

शिकारी की चीख सुनकर कबूतर घबरा गया। वह महसूस किया उसके साथ क्या होने वाला था। फिर, कबूतर वहां से उड़कर पेड़ की उचाही पर चला गया।

 

12. चींटी और टिड्डा – birds stories with moral

चींटी और टिड्डा - birds stories with moral
चींटी और टिड्डा – birds stories with moral

एक बार की बात है, गर्मी का मौसम चल रहा था। एक जंगल में दो दोस्त रहता था, एक चींटी और एक टिड्डा। टिड्डा को सारा दिन आराम करना और गिटार बजाना पसंद थी।

सर्दी का मौसम आने वाला है। चींटी सारा दिन बहुत मेहनत करके खाना और पत्ते इकट्ठे कर रही थी। क्योंकि, सर्दियों में बहुत ठंड होने की कारण खाना ढूंढना मुश्किल है।

लेकिन, टिड्डा कोई मेहनत नहीं करती थी। वह सारा दिन अपना गिटार बजाकर गाना गाती थी। चींटी ने, थोड़ा थोड़ा करके खाना इकट्ठा कर रही थी सर्दियों के मौसम के लिए।

फिर धीरे धीरे गर्मी का मौसम चला गया और सर्दी का मौसम आया। सर्दियों में सभी पेड़ पर बर्फ की चादर चढ गई थी। बहुत ज्यादा ठंड होने की कारण चींटी अपने घर से बाहर नहीं निकलती थी।

वह घर में बहुत सारा खाना इकट्ठा कर रखी थी। लेकिन, टिड्डा की हालत बहुत खराब हो गई थी। उसे कुछ दिन से खाना नहीं मिली थी। वह ठंड में काटते हुए अपने दोस्त चींटी के घर गया और चींटी से थोड़ा खाना मंगा.

चींटी ने कहा “मैं सारा दिन गर्मी में काम किया। ताकि सर्दी के टाइम हम भूखा ना मारे। मैं तुमको बोला था थोड़ा खाना इकट्ठा कर लो सर्दी का मौसम आने वाला है, तुमने मेरी बात नहीं सुनी।”

“हां चींटी भाई मैं पूरा गर्मी में गिटार बजाता था और सोया रहता था।” चींटी ने कहा “जब तुम पूरे गर्मी में गिटार बजाया तो अब सर्दी में भी गिटार बजाओ। तुम्हें मैं खाना नहीं दे सकती।”

चींटी ने बहुत सारा खाना इकट्ठा कर रखी थी। उसे बिना किसी चिंता की इस सर्दी में भी पर्याप्त खाना मिलती थी और भूखा टिड्डा ने खाना इकट्ठा नहीं की थी। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ इस सर्दी में उसे भूखा रहना पड़ा।

 

13. चूहा और मेंढक – पक्षियों की कहानियां

चूहा और मेंढक - पक्षियों की कहानियां
चूहा और मेंढक – पक्षियों की कहानियां

एक बार की बात है, एक चूहा और एक मेंढक दोनों अच्छे दोस्त थे। मेंढक एक तालाब में रहता था और चूहा उसी तालाब के पास एक पेड़ की नीचे बेल में रहता था।

मेंढक चूहा दोस्त से मिलने के लिए रोज चूहे की बिल में जाता था। लेकिन, चूहा कभी भी मेंढक की घर नहीं आती थी। क्योंकि, चूहा को पानी से बहुत डर लगता था। चूहा कभी भी मंदक की घर नहीं आए।

एक दिन मेंढक ने सोचा, आज कैसे भी चूहा को मेरी घर ले आऊंगी। यह सोचकर मेंढक चूहे की बिल में जाकर चूहे को कहा अपना घर आने के लिए। लेकिन, चूहा ने मना कर दिया।

मेंढक को बहुत गुस्सा आया। वह एक रस्सी को लेकर चूहे की पैरों में बंधी और एक अपना पैरों में बांध के चूहे को घसीटते हुए अपना घर तालाब में लेकर आए।

चूहा रस्सी को काटने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन वह नाकामयाब रही। मेंढक, चूहे को लेकर पानी में डुबकी लगाई चूहा पानी में डूब के मरने वाली थी।

उसी समय एक बाज खाने की खोज में तालाब के ऊपर से जा रही थी। जाते वक्त उसने चूहे को देखा। बाज चूहे को पकड़ कर एक पेड़ में लेकर आया, लेकिन उसी रस्सी में मेंढक भी बंधी थी।

मेंढक ने रस्सी काटने की बहुत कोशिश की थी लेकिन वह भी चूहे की तरह नाकामयाब रहा। बाज ने दोनों को एक साथ देख कर बहुत खुश हुआ। फिर दोनों को अपना भजन बनाया।

 

14. तितली और कोकून – Bird moral stories in Hindi

तितली और कोकून - Bird moral stories in Hindi
तितली और कोकून – Bird moral stories in Hindi

एक बार, एक आदमी को तितली का एक कोकून मिला। वह वहां बैठ गया और कई घंटों तक कोकून को देखता रहा। क्योंकि, वह उस छोटी सी छेद के माध्यम से,

अपने शरीर को, कोकून से बाहर निकालने के लिए संघर्ष कर रहा था। फिर ऐसा दिखाई दिया, जैसे की तितली थक गया था। और यह कोकून से बाहर नहीं निकल सकता था।

तब उस आदमी ने, तितली की मदद करने की फैसला किया। इसलिए, उसने एक कैंची ली और कोकून के बाकी हिस्सों को काट दिया था। तितली तब आसानी से बाहर बाहर आ गई।

लेकिन, इसका शरीर सूजा हुआ था और इसके पंख बहुत छोटे छोटे थे। वह आदमी तितली को देखता रहा। क्योंकि, वह उम्मीद करता था,

कि किसी भी समय, पंख का विस्तार होगा और शरीर को फैलाने में सक्षम हो जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। वास्तव में, तितली अपना सारा जीवन एक सूजे हुए शरीर और टूटे पंखों के साथ बिताया।

यह तितली कभी उड़ान भरने में सक्षम नहीं था। आदमी को दयालुता और जल्दबाजी में समझ में नहीं आया, कि इस तितली को कोकून से बाहर निकलने के लिए संघर्ष की जरूरत थी।

तितली के शरीर से, उसके पंखों को दबाने का प्रकृति का तरीका था। ताकि, वह तैयार रहें उड़ान भरने के लिए। और कोकून से आजादी पाने के लिए।

 

15. एक कृतघ्न बाघ – Pakshiyon ki kahani

एक कृतघ्न बाघ - Pakshiyon ki kahani
एक कृतघ्न बाघ – Pakshiyon ki kahani

एक बार, एक जंगल में एक बाघ रहता था। एक दिन वह किसी जानवर का शिकार करके खा रहा था। एक हड्डी उसके दांतों में फस गया।

हड्डी दातों में फंसने के कारण बाघ कुछ भी खाने का समर्थन नहीं रहा। उसकी दातों में और गले में बहुत तेज दर्द महसूस हो रहा था। वह दर्द में पूरा दिन रोता रहा।

जंगल की सभी जानवर उससे डरते थे। किसी ने भी उसके पास जाने का हिम्मत नहीं की। एक बहादुर सरस रोते हुए बाघ को देखा उसे बाघ पर दया आई।

सरस उसके पास गया और पूछा, “आपके साथ क्या गलत हो गया दोस्त?” “एक हड्डी मेरी दांतों में फस गई है,” बाघ ने कहा। सरस ने कहा, “यदि आप आज्ञा दे तो मैं इसे आपकी दांतो से बाहर निकल सकता हूं।”

बाघ ने कहा, “यदि तुम ऐसा करते हो तो मैं तुम्हारा आभारी रहूंगा।” सरस ने कहा, “मुझसे वादा करो के तुम मुझे नहीं खाओगे।” बाघ सरस से वादा किया हड्डी निकालने के बाद वह उसे नहीं खाएगा।

सरस बहुत दयालु था परंतु चतुर भी था। जैसे ही वह अपनी मुंह खोला सरस एक छोटा स्टिक उसके मुंह में रख दी। फिर उसने हड्डी को बाहर खींच लिया अपने लंबी चोच की मदद से.

हड्डी निकाल देने से बाघ की मुंह में दर्द बिल्कुल चला गया था। भूखा बाघ अब सरस को पकड़कर खाना चाहता था। लेकिन, उसके मुंह में स्टिक होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाया।

सरस दूर उड़ गया यह कहते हुए तुम एक कृतघ्न बाघ हो। मैं तुम्हारा मदद किया और तुम मुझे ही खाना चाहते हो।

 

16. सोने का अंडा Stories of birds in Hindi

सोने का अंडा Stories of birds in Hindi
सोने का अंडा – Stories of birds in Hindi

एक बार की बात है, गांव में एक किसान रहता था, वह बहुत ही गरीब था, उसकी आय बहुत कम थी उन्होंने बहुत कठिनाई से दिन गुजरता था।

एक दिन उसे एक मुर्गी मिली, किसान उसे मारकर खाना चाहता था लेकिन जब वह मुर्गी को मारने के लिए गया तो मुर्गी ने कहा, तुम मुझे मत मारो मैं तुम्हें रोज सोने का अंडा दूंगी।

फिर मुर्गी हर दिन एक सुनहरा अंडा दिया, किसान हर दिन अंडा बाजार में बेचा, जल्द ही वह एक अमीर आदमी बन गए। गांव में सभी लोग उनका सम्मान करने लगी,

किसान बहुत लालची हो गया, उसने सोचा कि मुर्गी के अंदर जरूर सुनहरे अंडे का भंडार होना चाहिए। उसे सारा अंडा एक दिन में चाहिए था, वह बहुत अमीर बनना चाहता था।

फिर उसने चाकु लिया और मुर्गी का पेट काट दिया, उसे एक भी अंडा नहीं मिला। उसने केवल सोने का अंडे ही नहीं बल्कि मुर्गी भी खो दिए। फिर वह अमीर से धीरे-धीरे पहले जैसा गरीब बन गए।

 

 

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तो दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आपको 17 Best Birds Stories in Hindi पढ़कर जरूर अच्छी लगी होगी और कृपया करके इन पक्षियों की कहानियाँ को आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर जरूर करें।

ताकि हर कोई इन मजेदार शिक्षावर्धक कहानियों को पढ़ सके। हमारे आज के विषय Stories on birds in Hindi तो पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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