भगवद गीता की कहानी | Bhagavad Geta Story in Hindi

यह Bhagavad Geta Story in Hindi हमने आपके लिए विशेष रूप से चुना है। इस कहानी को पढ़कर आपको कुछ अच्छी शिक्षा मिलेगी, जो आपको इस दुनिया को समझने में मदद करेगी।

इस लिख में हमने आपके साथ भगवद गीता की कहानी साझा किया है। जो श्रीमद्भगवद्गीता की है। यह कहानियां कुछ आछी शिक्षाप्रद कहानियां में से एक है।

और हम इसलिए आशा करते हैं, कि हमारी यह Bhagavad Geta Story in Hindi पढ़कर आपको बहुत आनंद आएगा। हमारे पास ऐसे ही कुछ और नैतिक शिक्षाप्रद कहानियाँ है, चाहे तो आप इसे भी पड़ सकते है।

 

भगवद गीता की कहानी | Bhagavad Geta Story in Hindi

भगवद गीता की कहानी  Bhagavad Geta Story in Hindi
भगवद गीता की कहानी – Bhagavad Geta Story in Hindi

एक बार, गांव में एक बूढ़ा अपने पोते के साथ रहता था। बूढ़ा रोज सुबह जल्दी उठकर भगवत गीता पढ़ने के लिए, मेज पर बैठ जाता था।

उनका पोता दादा जी का प्रशंसा करता था और अपने दादाजी जैसा बनना चाहता था। इसीलिए पोता दादा जी की तरह सब कुछ करने की कोशिश करता था।

एक दिन पोता अपने दादाजी के पास गया और कहां, “दादा जी, मैं आपकी तरह रोज मेज पर बैठकर भगवत गीता पढ़ता हूं। लेकिन मैं इसे ज्यादातर समझ नहीं पाता हूं।

और जो कुछ भी मैं समझ पाता हूं, किताबे बंद करने के साथ-साथ में उसे भूल जाता हूं। अगर मैं जो पढ़ता हूं उसे भूल जाता हूं, तो भगवत गीता पढ़ने से मुझे क्या लाभ होता है?”

तब दादाजी एक कोयले की टोकरी पकड़े हुए थे। वह पोते की तरफ देखा और उसे कोयले की टोकरी देते हुए कहा, “नदी पर जाओ और मेरे लिए एक टोकरी पानी लेकर आओ।”

दादाजी ने जैसा कहा, लड़के ने वैसा ही किया। लेकिन जैसे ही बह घर पहुंचता, टोकरी का सारा पानी निकल जाता।

दादाजी ने मुस्कुराते हुए कहा, “वापस पानी लेने के लिए नदी में जाओ और फिर से कोशिश करो। लेकिन इस बार थोड़ा तेज चलने की कोशिश करना।”

 

Bhagavad Geta Story in Hindi

लड़का मान गया और इस बार नदी से पानी लेकर जल्दी घर पहुंचने के लिए तेज भागा। लेकिन इस बार भी घर आने के बाद दादाजी ने देखा तो टोकरी खाली थी।

दादाजी ने पोती को फिर से कोशिश करने के लिए कहा। लेकिन हर बार रास्ते में टोकरी से पानी निकल जाती है और टोकरी खाली हो जाती है।

लड़का थक गया और अपने दादाजी को कहां, “दूर नदी से टोकरी में पानी लाना असंभव है। मैं आपके लिए पानी से भरी बाल्टी ले सकता हूं।”

दादाजी ने उत्तर दिया, “मुझे पानी की बाल्टी नहीं चाहिए। मैं चाहता हूं तुम उस कोयले की टोकरी में से ही पानी हमारे लिए नदी से पानी लेकर आओ। और कोशिश करो।”

लड़का जानता था कि यह असंभव है। लेकिन उसने अपने दादाजी के बात मानी और फिर से कोशिश की। इस बार लड़का जितनी जल्दी हो सके दौड़ा, लेकिन फिर से टोकरी खाली थी।

लड़का थक गया और उसने अपने दादाजी को कहा, “खो दादाजी, इस टोकरी से नदी में से पानी लाना हमारे लिए असंभव है।”

दादा जी ने उत्तर दिया, “तुमको लगता है, कि यह असंभव है। लेकिन जरा टोकरी को देखो।”

लड़के ने टोकरी की और देखा की टोकरी बहुत साफ सुधरी दिख रही है। उसने देखा टोकरी से कोयले के सारे दाग हट गए हैं। अब कोयले की टोकरी अंदर और बाहर से साफ हो गया था।

दादाजी ने कहां, “तुमने देखा की टोकरी अब सारे दाग मुक्त हो गया है। जब आप भगवद गीता पढ़ते हैं तो ऐसा ही होता है।

तुम जो पढ़ते हो, उसे तुम समझ या याद नहीं रख सकता है। लेकिन, यह शब्द तुमको अंदर और बाहर से बिल्कुल बदल देगा।”

 

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तो दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आपको भगवद गीता की कहानी पढ़कर जरूर अच्छी लगी होगी। और कृपया करके इन कहानियाँ को आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर जरूर करें।

ताकि, हर कोई इन मजेदार शिक्षावर्धक कहानियों को पढ़ सके। हमारे आज के विषय Bhagavad Geta Story in Hindi तो पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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