bekaar nahi – बेकार नहीं | Hindi Moral Stories for Kids

यह Hindi moral stories for kids हमने आपके लिए विशेष रूप से चुना है। इस बेकार नहीं Moral Stories को पढ़कर आपको कुछ अच्छी शिक्षा मिलेगी, जो आपको इस दुनिया को समझने में मदद करेगी।

इस लिख में हमने आपके साथ Bekaar nahi एक नैतिक कहानिया साझा किया है। जो एक मछली और एक बंदर की है, यह कहानियां बच्चों के लिए सबसे सेरा कहानियां में से एक है।

और हम इसलिए आशा करते हैं, कि हमारी यह Bekaar nahi Hindi moral stories for kids पढ़कर आपको बहुत आनंद आएगा। हमारे पास ऐसे ही कुछ और Moral Stories है, चाहे तो आप इसे भी पड़ सकते है।

 

बेकार नहीं – Bekaar nahi | Hindi moral stories for kids

bekaar nahi – बेकार नहीं  Hindi Moral Stories for Kids

एक बार, एक मछली नदी के किनारे तैर रही थी। अचानक उसे एक आवाज सुनाई दी। “कि पानी कैसा है?”

मछली अपना सिर ऊपर की और उठाया। तो देखा कि पेड़ पर एक बंदर बैठा है। मछली ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “पानी अच्छा और ठंडी है।”

बंदर को थोड़ा जलन महसूस हुई। वह मछली को छोटा करना चाहता था। इसीलिए बंदर ने मछली को कहा,

“तुम्हें पानी से बाहर आना चाहिए, और हमारे साथ इस पेड़ पर चढ़ना चाहिए। यहां से नजारा वाकई अद्भुत है।”

मछली उदास होकर बंदर को कहां, “मुझे पेड़ में चढ़ना नहीं आता। और मैं पानी के बिना जीवित नहीं रह सकता।”

मछली को उदास देखकर, बंदर ने मछली का मजाक उड़ाते हुए कहा। “अगर तुम एक पेड़ पर भी नहीं चढ़ सकते, तो तुम बिल्कुल बेकार हो।”

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Bekaar nahi | Hindi moral stories for kids

बंदर की बात सुनकर, मछली ने दिन-रात इसके बारे में सोचने लगी। और बेहद उदास हो गई। वह अपने मन ही मन सोचने लगा।

“हो सकता है बंदर सही कह रहा था। अगर मैं एक पेड़ पर भी नहीं पढ़ सकता, तो मैं बहुत ही बेकार हूँ। वह बंदर ठीक ही कह रहा था।”

नदी में एक और मछली ने देखा, कि वह मछली बहुत उदास थी। और उस मछली ने उनसे अपनी उदासी का कारण पूछा।

मछली ने, उस बंदर के बारे में उसे सब कुछ बताया। यह सुनकर उस मछली को बहुत हंसी आई। और उसने बताया,

“अगर बंदर को लगता है, तुम बेकार हो। क्योंकि, तुम पेड़ पर चढ़ना नहीं जानते हो। तो बंदर भी बेकार है। क्योंकि वह पानी के नीचे हमारे साथ नहीं रह सकता है।”

इस मछली की बात सुनकर उसे एहसास हुआ, कि यह कितना प्रभावशाली है। और बंदर की बातों के अनुसार खुद को बेकार समझना कितना गलत था।

कुछ दिन बीत गए। फिर एक दिन, अचानक बंदर पेड़ से फिसल कर पानी में गिर गया। वह तैरना नहीं जानता था, इसलिए नदी में डूब कर मर गया।

बंदर की मौत के बारे में जानने के बाद,मछली ने प्रकृति के प्रति कृतज्ञ महसूस किया। और इतनी अद्भुत क्षमता पाकर वह बहुत खुश था।

नैतिक शिक्षा : लोगों की बात सुनकर, अपने आप को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए। हमें अपनी तरफ से पूरी कोशिश करना चाहिए। और हमें वह करना चाहिए जो हम करने में सक्षम है।

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तो दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आपको Bekaar nahi Hindi moral stories for kids पढ़कर जरूर अच्छी लगी होगी। और कृपया करके इन  कहानियाँ को आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर जरूर करें।

ताकि, हर कोई इन मजेदार शिक्षावर्धक कहानियों को पढ़ सके। हमारे आज के विषय बेकार नहीं | Hindi moral stories for kids तो पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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