झील में नमक – Jheel me Namak | New Moral Stories in Hindi

यह Jheel me Namak New Moral Stories in Hindi हमने आपके लिए विशेष रूप से चुना है। इस झील में नमक नैतिक कहानिया को पढ़कर आपको कुछ अच्छी शिक्षा मिलेगी, जो आपको इस दुनिया को समझने में मदद करेगी।

इस लिख में हमने आपके साथ Jheel me Namak एक नैतिक कहानिया साझा किया है। जो एक बहुत ही दुखी और उदास युवक की है, यह कहानियां सबसे सेरा कहानियां में से एक है।

और हम इसलिए आशा करते हैं, कि हमारी यह Jheel me Namak | New Moral Stories in Hindi पढ़कर आपको बहुत आनंद आएगा। हमारे पास ऐसे ही कुछ और Moral Stories है, चाहे तो आप इसे भी पड़ सकते है।

 

 

झील में नमक – Jheel me Namak | New Moral Stories in Hindi

झील में नमक – Jheel me Namak New Moral Stories in Hindi

एक बार की बात है, एक युवक रहता था। वह अपने जीवन से बहुत दुखी था। वह हर समय खुद को उदास और भयानक महसूस करता था।

फिर, एक दिन उसे शहर में एक गुरुजी के बारे में पता चला। उसने गुरुजी से मिलने और अपनी समस्याओं का हाल पूछने के लिए, वहां शहर में जाने का फैसला किया।

युवक गुरुजी के पास गया और कहां, “मेरे जीवन में बहुत सारी परेशानियां है। मैं हमेशा दुखी रहता हूं। कृपया मुझे उपाय बताइए, मैं कैसे हमेशा खुश रह सकता हूं।”

गुरुजी ने उस युवक की सारी बातें सुनी और वहां से उठकर खड़े हुए। बिना कुछ कहे, गुरुजी वहां से चले जाते हुए देख कर युवक बहुत गुस्सा हो गई।

लेकिन युवक गुरुजी के आने का इंतजार किया। थोड़ी देर बाद, गुरुजी एक गिलास पानी और एक नमक से भरा कटोरा लेकर युवक के पास वापस आया।

फिर गुरुजी ने कहां, “अब तुम कटोरा से एक मुट्ठी नमक लेकर इस ग्लास की पानी में डाल दो। और फिर नमक पानी में मिलते ही उसे पी लो।”

युवक उलझन में था, लेकिन उसने गुरुजी के निर्देशानुसार ग्लास से थोड़ा पानी पिया। गुरुजी ने उनसे पूछा, “इस पानी का स्वाद कैसा है।”

युवक ने उत्तर दिया, “इसका स्वाद बहुत ही भयानक है, इसमें तो पूरा नमक और नमक है।”

 

Jheel me Namak | New Moral Stories in Hindi

अब गुरुजी ने युवक को उस कटोरा से एक मुट्ठी नमक लेकर उसके साथ आने के लिए कहा। वे दोनों चलते चलते एक झील पास चले गए।

गुरुजी ने कहा, “अब तुम्हारे हाथ में जो नमक है, वह इस झील में डाल दो।” युवक अपने मुट्ठी भर नमक को उस झील में डाल दिया।

इसके बाद गुरुजी ने युवक को इस झील से थोड़ा पानी पीने के लिए कहा। युवक ने पानी पिया, उसे अच्छा लगा तो उसने और थोड़ा पानी पिया।

अब गुरुजी ने युवक से पूछा, “इसका इसका स्वाद कैसा है?”

युवक ने उत्तर दिया, “इस पानी का स्वाद बहुत अच्छा है।”

गुरुजी ने फिर से पूछा, “क्या तुम इस पानी में नमक का स्वाद चख पाए? युवक ने उत्तर दिया, “नहीं, पानी बहुत मीठा था।”

फिर दोनों उस झील के पास बैठे। गुरुजी ने युवक को कहा, “जिंदगी में दुख की मात्रा एक ही रहती है।

लेकिन हम जैसे दर्द का स्वाद लेते हैं, यह उस कंटेनर के ऊपर निर्भर करता है। जिसमें हम डालते हैं।”

नैतिक शिक्षा : इसीलिए जब आप दुखी होते हैं. केवल एक चीज जो आप कर सकते हैं, वह है अपनी समझ को बढ़ाना

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तो दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आपको Jheel me Namak – New Moral Stories in Hindi पढ़कर जरूर अच्छी लगी होगी। और कृपया करके इन कहानियाँ को आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर जरूर करें।

ताकि, हर कोई इन मजेदार शिक्षावर्धक कहानियों को पढ़ सके। हमारे आज के विषय झील में नमक | New Moral Stories in Hindi तो पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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