17 Best Short Moral Stories in Hindi 2022 for Kids | लघु नैतिक कहानियाँ

इस लेख में हमारे पास नैतिक शिक्षा के साथ 17 Best Short Moral Stories in Hindi for Kids का समग्र है। यह लघु शिक्षाप्रद कहानियाँ हमने आपके लिए विशेष रूप से चुना है। हर कहानियां मैं आपको कुछ ना कुछ नैतिक शिक्षा मिलेगी जो लोग और दुनिया को समझने में मदद करेगी।

इनमें से कुछ लघु नैतिक कहानियाँ बहुत छोटी और बुनियादी है। इसलिए पढ़ते समय आपकी ध्यान इन कहानियों में बनी रहेगी। यहाँ कुछ Short stories in Hindi with moral बहुत ही रोचक और शिक्षावर्धक है। जिन्हें पढ़कर आपको अनंत भी आएगा और नैतिक शिक्षा भी मिलेगी, इन शिक्षा को प्रयोग करके आप जीवन में सफलता पा सकते हो।

 

17 Best Short Moral Stories in Hindi for Kids | लघु नैतिक कहानियाँ

Table of Contents

 

1. किसान और उनका बेटा Short moral stories in Hindi for kids

एक बार एक गांव में एक बूढ़ा किसान रहता था। उसके चार बेटे थे, बे हमेशा एक दूसरे से झगड़ते रहते थे। किसान ने उनके बीच एकता लाने के लिए बहुत कोशिश की।

लेकिन वे उसकी सलाह नहीं कभी नहीं सुनी। वह अपने भविष्य को लेकर बहुत चिंतित थे, एक दिन बूढ़ा किसान बीमार हो गया।

और उसने फैसला किया, कि उसे अपने चारों वेदों के बीच एकता लानी चाहिए। उसने अपने बेटों को बुलाया, और उन्हें कुछ लकड़ियां लाने के लिए कहा।

वे लकड़ियां लेकर आए। किसान ने, अपने बड़े बेटे को एक बंडल में बांधने के लिए कहां। फिर उन्होंने इसे तोड़ने के लिए उन्हें अपनी ताकत आजमाने के लिए कहा।

प्रत्यक्ष बेटे ने, बंडल को तोड़ने की कोशिश की लेकिन असफल रहा। फिर किसान ने बंडल को खोल। और प्रत्येक को एक एक छड़ी दी, और किसी तोड़ने के लिए कहा।

उनमें से, सभी ने इसे आसानी से तोड़ने में सक्षम रहा। किसान ने कहा, “अब आप समझा है?

यदि आप एकजुट रहे, तो कोई भी आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता। लेकिन यदि आप हमेशा झगड़ते रहे, तो कोई भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है।

नैतिक शिक्षा : एकता में ही ताकत है।

 

2. दो दोस्त और भालू Short moral stories for kids in Hindi

एक बार दो दोस्त जंगल से गुजर रहे थे। उन्हें पता था कि जंगल में कभी भी कुछ भी खतरनाक हो सकता है। इसीलिए उन्होंने एक-दूसरे से वादा किया, कि वे हमेशा साथ रहेगा।

अचानक, उन्होंने देखा कि एक भालू उनके पास आ रहा है। दोनों दोस्त में से एक पास के पेड़ पर चढ़ गया। लेकिन दूसरे को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था।

इसीलिए, अपने सामान्य ज्ञान का उपयोग करते हुए। वह एक मृत व्यक्ति होने का नाटक किया। अपना श्वास रोककर जमीन पर लेट गया।

भालू जमीन पर पड़े व्यक्ति के पास आया। और उसके मुंह के पास जाकर सूखने लगा। और उसे मृत व्यक्ति समझकर, धीरे धीरे उस जगह को छोड़ दिया।

क्योंकि, भालू मृत जीवों को नहीं छूता। फिर जब पेड़ में से दोस्त नीचे आया। सने अपने दोस्त को जमीन पर देखते हुए पूछा,

“दोस्त, भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?” दूसरे दोस्त ने जवाब दिया, “भालू ने मुझे झूठे दोस्त पर विश्वास करने से मना किया।” फिर वह अकेला लौट गया।

नैतिक शिक्षा : सच्चा मित्र वह है, जो हमेशा किसी भी स्थिति में आपका समर्थन करता है।

 

3. लकड़हारा और कुठार Short stories with moral values in hindi

एक बार की बात है, एक छोटी सी गांव में एक लकड़हारा रहता था। वह अपने काम में बहुत ईमानदार था। हर दिन, वह पेड़ों को काटने के लिए पास के जंगल में जाता था।

और लकड़ियों काटकर उसे बाजार में बेचता था। वहां से जो जो पैसा कमाए होता था, उससे वह अपनी जीवन जीता था। वह अपनी साधारण जीवन से संतुष्ट था।

एक दिन, एक नदी के पास एक पेड़ काटते समय। उसकी कुल्हाड़ी उसके हाथ से फिसल कर नदी में गिर गई। नदी बहुत गहरी थी, और उसे तैरना नहीं आता था।

उसके पास सिर्फ एक ही कुल्हाड़ी थी, जो नदी में गिर गई थी। वह बहुत दुखी था, और उसने भगवान से प्रार्थना की। उसने ईमानदारी से प्रार्थना की, तो भगवान उसके सामने प्रकट हुए।

भगवान उनसे पूछा, “क्या समस्या है? मेरे बेटे।” लकड़हारा उसकी समस्या के बारे में बताई। और भगवान से अपनी कुल्हाड़ी वापस पाने का अनुरोध किया।

फिर भगवान ने नदी में हाथ डाला, और एक सोने की कुल्हाड़ी निकाली। लकड़हारा से पूछा, “क्या यह कुल्हाड़ी तुम्हारी है?” लकड़हारा ने कुल्हाड़ी को देखा और कहा, “नहीं।”

तो भगवान ने, फिर से गहरे पानी में अपना हाथ डाला। और एक चांदी की कुल्हाड़ी निकाली। और कहा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” लकड़हारा ने कुल्हाड़ी को देखा और कहा, “नहीं।”

भगवान ने कहा, “फिर से देखो बेटा। यह बहुत ही मूल्यवान कुल्हाड़ी है। क्या आपको पूरा यकीन है, कि यह तुम्हारा नहीं है।” लकड़हारे ने कहा, “नहीं, यह कुल्हाड़ी मेरा नहीं है।”

भगवान मुस्कुराए, और अंत में फिर से पानी में हाथ डाला और एक लोहे की कुल्हाड़ी निकाली। और पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” इस बार लकड़हारे ने कहा, “हां, यह मेरा है।”

फिर, लकड़हारा ने भगवान को धन्यवाद दिया। भगवान उनकी ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुई। इसीलिए उन्हें पुरस्कार के रुप में लोहे की कुल्हाड़ी, और अन्य दो कुल्हाड़ी को दिया।

नैतिक शिक्षा : हमेशा ईमानदार रहो, इमानदारी को हमेशा पुरस्कृत किया जाता है।

 

4. लालच एक अभिशाप Short story in hindi with moral

एक बार की बात है, एक गांव में एक व्यक्ति अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। वह वास्तव में अमीर आदमी था। क्योंकि उसके पास एक सुंदर मुर्गी थी।

जो रोज एक अंडा देती थी। यह एक साधारण अंडा नहीं था, बल्कि एक सुनहरा अंडा था। लेकिन वह आदमी उससे संतुष्ट नहीं था।

वह आदमी, एक ही बार में अपनी मुर्गी से सभी सुनहरे अंडे प्राप्त करना चाहता था। इसीलिए, एक दिन उसने एक योजना के बारे में सोचा।

उसने मुर्गी को मारने कि, और सभी अंडे एक साथ मुर्गी की पेट से निकालने की फैसला किया। इसीलिए, अगले दिन जब मुर्गी ने एक सुनहरा अंडा दिया।

तो आदमी ने उसे पकड़ लिया। फिर एक चाकु लिया, और मुर्गी की पेट काट दी। चारों तरफ खून के अलावा कुछ भी नहीं था।

किसी भी अंडे का कोई निशान नहीं था। वह बहुत दुखी था, क्योंकि उसे मुर्गी की पेट में से एक भी अंडा नहीं मिला था।

उनका जीवन प्रतिदिन एक अंडे के साथ, खुशी से चल रहा था। लेकिन उन्होंने खुद अपने जीवन को दुखी किया।

उनके लालच का नतीजा यह हुआ, कि बे दिन-ब-दिन गरीब से गरीब होता गया। आखिरकार, बह एक कंगाल बन गया। वह कितना मूर्ख था।

नैतिक शिक्षा : जो अधिक कि इच्छा रखता है, वह सभी को खो देता है, हमारे पास जो है उससे संतुष्ट रहना चाहिए।

 

5. हमेशा सावधान रहें Very short moral stories in Hindi

एक बार की बात है, एक गुफा में एक शेर रहता था। जो इतना बुढ़ा हो गया था। कि वह अपने भजन के लिए, किसी भी जानवर को मारने में असमर्थ था।

इसलिए उन्होंने खुद से कहा, मुझे अपना पेट पालने के लिए कुछ करना होगा। नहीं तो मैं भूख से मर जाऊंगा। वह सोचता रहा आखिरकार एक विचार उसके मन में आया।

उसने बीमार होने का नाटक करते हुए, गुफा में लौटने का फैसला किया। और फिर जो उससे मिलने आएगा, वह उसका शिकार बन जाएगा।

बूढ़े शेर ने अपनी शरारती योजना को अंजाम दिया। वह गुफा में? मरने का नाटक करते हुए, वहां सोया पड़ा था। एक दिन, एक लोमड़ी बीमार शेर से मिलने आई।

लोमड़ी वास्तव में बहुत चालाक है, वह गुफा के मुहाने पर खड़ी हो गई और घूरने लगी। उनकी छठी इंद्री काम कर गई, और उन्हें वास्तविक का पता चल गया था।

उसने शेर को बाहर से बुलाया। और कहा, “सर आप कैसे हैं?” शेर ने जवाब दिया, “मेरा तबीयत बहुत खराब है, मैं कुछ दिनों से बीमार हूं। लेकिन आप अंदर क्यों नहीं आए?”

तब लॉबी ने जवाब दिया, मैं अंदर आना चाहता हूं, सर। लेकिन कुछ पैरों के निशान आपकी गुफा के अंदर जा रहे हैं। और कोई बाहर नहीं आ रहा है।

यह देख कर भी, मैं अगर अंदर जाऊं तो में  बहुत बेवकूफ साबित हो सकता हूं। इतना कहते हुए लोमड़ी, जंगल में दूसरे जानवरों को सतर्क करने चली गई।

नैतिक शिक्षा : किसी भी स्थिति में जाने से पहले, अपनी आँखें हमेशा खुली रखें और सावधान रहें।

 

6. सबसे खुश पक्षी Short moral stories in Hindi with pictures

एक बार, एक कौआ जंगल में रहता था। वह अपने काला रंग से बहुत परेशान था, वह बिल्कुल संतुष्ट नहीं था। एक दिन उसने एक हंस को देखा।

उसने सोचा, “यह हंस इतना सफेद है, और मैं इतना काला हूं। यह हंस तो दुनिया का सबसे सुखी पक्षी होना चाहिए।” उन्होंने हंस से अपने विचार व्यक्त किए।

हंस ने उत्तर दिया, “मैं एक तोता को देखने से पहले सबसे खुश पक्षी था। जो दो रंग का था। मुझे लगता है कि तोता सृष्टि का सबसे खुश पक्षी है।

कौआ फिर तोते के पास पहुंचा। फिर उन्होंने तोते से अपने विचार व्यक्त किए। तोते ने समझाया, “जब तक मैं मोर नहीं देखा था,

तब तक मैं बहुत खुशहाल जीवन जी रहा था। क्योंकि मेरे पास केवल दो रंग है, और मोर के कई रंग है।” फिर कौआ चिड़ियाघर में एक मोर के पास गया।

और उसने देखा कि, मोर को देखने के लिए सैकड़ों लोग आए थे। लोगों के जाने के बाद, कौआ मोर के पास गया। और कहां, “आप बहुत सुंदर है,

हर दिन हजारों लोग आपको देखने आते हैं। और जब लोग मुझे देखते हैं, तो बे तुरंत मुझसे दूर हो जाते हैं। मुझे लगता है, कि आप दुनिया का सबसे खुश पक्षी है।”

मोर ने जवाब दिया, “मैं हमेशा सोचता था, मैं दुनिया का सबसे सुंदर और खुश पक्षी हूं। लेकिन मेरी सुंदरता के कारण, मैं इस चिड़ियाघर में फंस गया हूं।

इसीलिए मुझे लगता है कि कौआ एकमात्र ऐसा पक्षी है। जिसे पिंजरे में ही नहीं रखा जाता है।

पिछले कुछ दिनों से मैं सोच रहा था। कि अगर मैं एक कौआ होता, तो मैं खुशी से जहां मर्जी वहां घूम सकता था।

नैतिक शिक्षा : हम हमेशा अपने गुणों को कम आंकते हैं, और दूसरों को महत्व देते हैं.

 

7. ऊंट और लोमड़ी Short stories with moral values in Hindi

एक बार की बात है, एक ऊंट और लोमड़ी एक नदी के पास रहते थे। बे अच्छे दोस्त थे। एक दिन लोमड़ी को पता चला, कि नदी के उस पर एक पके हुए खरबूजे का खेत है।

उसके मुंह में पानी आ गया। लेकिन वह नदी पार नहीं कर सकता था। इसलिए, लोमड़ी ऊंट के पास गया और उसे खरबूजे के बारे में बताया।

ऊंट भी खरबूजे खाना चाहता था। उसने लोमड़ी को अपनी पीठ पर चढ़ाकर नदी पार किया। दोनों खेत में पहुंचे, बे खरबूजे खाने लगे।

फिर लोमड़ी जोर जोर से चिल्लाने लगा। खेत का मलिक दौड़ता हुआ आया, और ऊंट को पीटने लगा। जब मलिक चला गया, तो ऊंट ने लोमड़ी से पूछा।

“तुमने क्यों चिल्लाया?” लोमड़ी ने जवाब दिया, “भारी भजन के बाद चिल्लाना मेरी आदत है।” फिर दोनों नदी पार करने के लिए लौट आए।

ऊंट की पीठ पर लोमड़ी कूद गया। जब वे पानी के बीच में था, तो ऊंट पानी में डुबकी लगाने लगा। लोमड़ी तैरना नहीं जानता था, वह डूब रहा था।

लोमड़ी बहुत परेशान होकर ऊंट से पूछा, “तुम पानी में क्यों डूब रहे हो?” ऊंट जवाब दिया, “भारी भजन के बाद पानी में डूबना मेरी आदत है।

लोमड़ी बड़ी मुश्किल से भी खुद को बचा नहीं सके।

नैतिक शिक्षा : चोट के बदले में चोट।

 

8. यात्रियों और पेड़ Short stories with moral in Hindi

एक बार की बात है, एक गर्मी के दिन दो आदमी एक साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें ज्यादा गर्मी के कारण चलने में बहुत तकलीफ महसूस हो रहा था।

फिर पास में एक बड़े पेड़ को देखकर। उन्होंने उसकी छाया में आराम करने के लिए, दोनों जमीन पर सो गए। पेड़ की शाखाओं को देखते हुए,

एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से कहा, “यह एक बेकार पेड़ है। इसमें खाने के लिए कुछ भी फल नहीं होता है, जिसे हम खा सकते हैं।

और हम इसकी लकड़ी का उपयोग किसी भी चीज के लिए नहीं कर सकते है।” जवाब में पेड़ ने कहा, “इतना आभारी मत बनो,

मैं आपको चिलचिलाती धूप से बचाकर, इस समय मैं आपके लिए बहुत मददगार रहा हूं। और तुम लोगों ने मुझे कुछ भी नहीं कह सकते।

नैतिक शिक्षा : ईश्वर की सारी रचना का एक अच्छा उद्देश्य है।

 

9. दुनिया को मत बदलो Hindi short stories with moral

एक बार की बात है, एक राजा था, जिसने एक समृद्ध देश में शासन किया था। एक दिन, उन्होंने अपने देश के कुछ हिस्सों मैं यात्रा के लिए गया।

फिर जब वह अपने महल में वापस आया। तो उसने शिकायत की, कि उसके पैर में बहुत दर्द है। क्योंकि यह पहली बार था, जो वह इतनी लंबी यात्रा के लिए गया था।

और वह जिस सड़क से गुजरा, वह बहुत उबड़-खाबड़ और पथरीली थी। फिर उन्होंने अपने सैनिकों को पूरे देश की हर सड़क, चमड़े से ढकने का आदेश दिया।

निश्चित रूप से, इसके लिए हजारों गायों की चमड़े की आवश्यकता होगी। और इसके लिए बड़ी राशि खर्च होगी।

तब उनके एक बुद्धिमान सेवक ने राजा को यह बताने का साहस किया, “आपको यह अनावश्यक पैसा क्यों खर्च करना है?

आप अपने पैरों को क्यों नहीं ढक लेते, चमड़े का एक छोटा टुकड़ा से। राजा उसकी बातों से आश्चर्यचकित था।

लेकिन बाद में राजा उसकी सुझाव पर सहमत हुआ। और अपने सैनिकों से, खुद के लिए एक जूता बनवाने का आदेश दिया।

नैतिक शिक्षा : इस दुनिया को सुख हर जगह बनाने के लिए, आप अपने आप को बेहतर रूप से बदले।

 

10. लोमड़ी और सारस Hindi short stories with moral for kids

एक बार की बात है, एक स्वार्थी लोमड़ी ने एक बार एक सारस को उसके घर में खाने के लिए आमंत्रित किया। शाम को, सारस लोमड़ी के घर आए।

और उसकी लंबी चोंच से दरवाजा खटखटाया। लोमड़ी ने दरवाजा खोला और कहां, “कृपया अंदर आ जाओ और मेरे साथ भजन करो।”

सारस को मेज पर बैठने के लिए कहा। फिर लोमड़ी ने उथले कटोरे में सूप पीने के लिए दिया। और उसने, बहुत जल्दी अपना सारा सूप पी लिया।

लेकिन, सारस सूप नहीं पी सका। क्योंकि कटोरे उसकी लंबी जांच के लिए बहुत उथली थी। गरीब सारस सिर्फ बिनम्रता से मुस्कुराया और भूखा रह गया।

स्वार्थी लोमड़ी ने पूछा, “सारस तुमने अपना सुप क्यों नहीं लिया। क्या आपको यह पसंद नहीं है?” सारस ने जवाब दिया, “हमें आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद।

कल शाम को, हम आपको आमंत्रित करते हैं। हमारे घर जरूर आना, हम साथ में खाना खाएंगे। अगले दिन जब लोमड़ी सारस के घर पहुंची।

तो उसने देखा कि वे सूप पी रहे थे। इस बार सूप को लंबी गुड़ में दिया गया था। सारस आसानी से सूप पिया, लेकिन लोमड़ी लंबी गुड़ के अंदर नहीं जा सके। इस बार भूखा रहना उसकी बारी थी।

नैतिक शिक्षा : एक स्वार्थी कार्य, आप पर उल्टा पड़ सकता है।

 

11. बंदर और डॉल्फिन Short moral Story in Hindi for kids

एक बार की बात है, कुछ नाबिक अपने नौकायन जहाज में समुद्र की ओर निकल पड़े। उनमें से एक नाबिक, लंबी यात्रा के लिए अपने पालतू बंदर को साथ लाया।

जब वे समुद्र मैं बहुत दूर थे, एक भयानक तूफान ने उसकी जहाज को पलट दिया। हर कोई समुद्र में गिर गया, और बंदर को यकीन था कि वह डूब जाएगा।

अचानक एक डॉल्फिन दिखाई दी, और उसने बंदर को उठाया। बे जल्दी एक द्रीप पर पहुंच गए, और बंदर डॉल्फिन की पीठ से नीचे आ गए।

फिर डॉल्फिन ने बंदर से पूछा, “क्या आप इस जगह को जानते हैं?” बंदर ने जवाब दिया, “हां, मैं जानता हूं। वास्तव में इस द्रीप का राजा मेरा सबसे अच्छा दोस्त है।

क्या आप जानते हैं, मैं वास्तव में एक राजकुमार हूं।” डॉल्फिन जानता था, कि इस द्रीप पर कोई नहीं रहता है। डॉल्फिन ने कहा, “अच्छा तो तुम एक राजकुमार हो।

अब तुम राजा हो सकते हो।” बंदर ने पूछा, “मैं राजा कैसे हो सकता हूं?”

डॉल्फिन ने जवाब दिया, “यह आसान है, जैसा कि आप इस द्रीप पर एकमात्र प्राणी है। तो आप स्वाभाविक रूप से एक राजा ही है।”

नैतिक शिक्षा : झूठ बोलने वाले कभी भी मुसीबत में पड़ सकते हैं।

 

12. चतुर लोमड़ी और शेर Short Stories In Hindi with moral for kids

चतुर लोमड़ी और शेर Short Stories In Hindi with moral for kids
चतुर लोमड़ी और शेर – Short Stories In Hindi with moral for kids

एक बार, एक घने जंगल में एक शेर रहता था। एक दिन, उनकी पत्नी ने उन्हें बताया कि उसकी सांस खराब और अप्रिय है। यह सुनकर शेर शर्मिंदा हो गया।

और बहुत क्रोधित हो गया। लेकिन, शेर इसे दूसरों के साथ जांचना चाहता था। इसीलिए, उसने जंगल में से तीन अन्य प्राणी को बुलाया।

भेड़ें पहले आईं। शेर ने अपना मुंह खोला और कहा, “भेड़, मुझे बताओ कि क्या मेरे मुंह से बदबू आ रही है?” भेड़ ने सोचा, कि शेर एक इमानदार जवाब चाहता है।

इसीलिए भेड़ ने कहा, कि हां दोस्त लगता है आपकी सांस में कुछ गड़बड़ है। भेड़ की बात, शेर को अच्छा नहीं लगा। उसने भेड़ पर हमला किया और उसे मार डाला।

तब शेर ने भेड़िया को बुलाया और कहा, “तुम क्या सोचते हो? क्या मेरी सांस खराब है?” भेड़िया ने देखा, कि भेड़ के साथ क्या हुआ।

इसीलिए, भेड़िया उत्तर में बहुत सतर्क रहना चाहता था। तो भेड़िया ने कहा, “कौन कहता है, कि आपकी सांस अप्रिय है। यह गुलाब की महक जितनी मीठी है।

जब शेर ने जवाब सुना, तो वह गुस्से में भड़क गया। और तुरंत भेड़िया पर हमला किया और उसे मार डाला। धोखेबाज, शेर को बड़ा किया।

अंत में एक लोमड़ी की बारी आई। शेर ने उससे वही सवाल पूछा, लोमड़ी भेड़ और भेड़िया की बारे में जानती थी। इसीलिए उसने खांसते हुए, अपना गला बार बार साफ किया।

और फिर शेर से कहां, “हे प्रिय मित्र! पिछले कुछ दिनों से मुझे बहुत ठंड लग रही है। इस वजह से, मैं कुछ भी कुछ भी सॉन्ग नहीं सकता, सुखद या अप्रिय।”

नैतिक शिक्षा : अपने आप को कभी भी, एक बुरी स्थिति में शामिल ना करें.

 

13. महाराज और किसान Hindi short moral story for kids

महाराज और किसान Hindi short moral story for kids
महाराज और किसान – Hindi short moral story for kids

एक बार, एक आदमी ने एक किसान को अपना पानी का कुआं बेचा। अगले दिन, जब किसान उस कुएं से पानी लेने के लिए गया।

तो उस आदमी ने किसान को पानी लेने नहीं दिया। उसने कहा, “मैंने तुम्हें कुआं बेचा है, पानी नहीं। इसीलिए, तुम इस कुएं से पानी नहीं ले सकते।”

किसान बहुत दुखी हुआ, और राजा के दरबार में आया। उसने राजा को सब कुछ बताया, और विचार मांगा। राजा ने उस आदमी को बुलाया, जिसने किसान को कुआं बेचा था।

राजा ने पूछा, “तुम किसान को कुएं का पानी का उपयोग क्यों नहीं करने देते। जब किसान उस कुआं को खरीदा है। आपने कुआं बेच दिया है।”

उस आदमी ने जवाब दिया, “महाराज, मैंने किसान को कुआं बेचा है, पानी नहीं। उसे, कुएं से पानी लेने का कोई अधिकार नहीं है।”

तब महाराज ने मुस्कुराते हुए कहा, “अच्छा, लेकिन देखो, तुमने इस किसान को कुआं बेचा है। और तुम दावा करते हो कि, उस कुएं में पानी तुम्हारा है।

तो तुम्हें, अपना पानी किसान के कुएं में रखने का कोई अधिकार नहीं है। या तो आप किसान को उसके कुए में तुम्हारा पानी रखने के लिए किराया दो।

या आप उस कुएं से तुरंत तुम्हारा सारा पानी निकाल लो।” वह आदमी समझ गया, कि उसकी चाल विफल हो गई है। महाराज ने उसे पकड़ लिया है।

नैतिक शिक्षा : किसी को धोखा देने की कोशिश मत करो।

 

14. रामचंद और प्रेमचंद Short stories in Hindi by premchand

रामचंद और प्रेमचंद दोनों पड़ोसी थे। रामचंद एक गरीब किसान थे और प्रेमचंद एक जमीदार थे। रामचंद हमेशा बहुत खुश रहते थे।

उन्होंने कभी भी रात में, अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद नहीं करते थे। उसे गहरी नींद आती थी। हालांकि, उसके पास कोई पैसा नहीं था, लेकिन वह खुश था।

प्रेमचंद, हमेशा बहुत उत्साह में रहते थे। वह रोज रात को अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद करते थे। उसे कभी भी अच्छी नींद नहीं आती थी।

वह हमेशा परेशान रहता था, कि कोई उसकी तिजोरी तोड़ ना दे। और उसकी पैसे चोरी ना कर ले। उन्होंने शांतिपूर्ण रामचंद के बारे में सोचा।

एक दिन, प्रेमचंद ने रामचंद को कुछ पैसा देकर कहा, “मेरे प्रिय मित्रों, मेरे पास बहुत पैसा है। और मुझे तुम बहुत गरीब लगते हो। इसीलिए, तुम इस पैसा को लो और खुश रहो।”

रामचंद पूरे दिन बहुत खुश था। फिर रात आ गई, रामचंद हमेशा की तरह बिस्तर पर सो गए। लेकिन उसे नींद नहीं आया। फिर उसने जाकर दरवाजे और खिड़कियां बंद की।

लेकिन उसे अभी भी नींद नहीं आया। वह पैसा को देखता रहा, पूरी रात वह बहुत परेशान रहा। जैसे ही सुबह हुआ, रामचंद पैसे को प्रेमचंद के पास ले गए।

उन्होंने प्रेमचंद को पैसा वापस दे कर कहा, “प्रिय मित्रों, में गरीब हूं। लेकिन, आपके पैसे ने मुझसे शांति छीन ली। कृपया आप अपने पैसे मुझसे वापस ले।

नैतिक शिक्षा : पैसा से सब कुछ नहीं मिल सकता, जो आपके पास है उससे संतुष्ट रहना सीखें।

 

15. एक आलसी पुजारी Kids Short Stories in Hindi with Moral

बहुत समय पहले एक पुजारी रहता था। जो बहुत अलसी और गरीब था। वह कोई मेहनत करना नहीं चाहता था। लेकिन, एक दिन अमीर होने का सपना देखता था।

भीख मांगकर उसने अपना जीवन गुजारा करते थे। एक दिन सुबह, उन्हें भीख के रूप में एक बर्तन दूध मिला। वह बहुत खुश हुआ और दूध का बर्तन लेकर घर चला गया।

घर जाकर उसने दूध उबाला। उसमें से कुछ पिया और बचा हुआ दूध एक बर्तन में रख दिया। उसने दूध को दही बनाने के लिए, उस बर्तन में थोड़ा सा दही मिलाया।

फिर वह सोने के लिए चला गया। जल्द ही वह दही के बर्तन के बारे में कल्पना करना शुरू कर दिया। उसने सपना देखा, “कि अगर वह किसी तरह अमीर बन सकता है, तो उनके सारे दुख दूर हो जाएंगे।”

उसके विचार दूध के बर्तन में गए। जो उन्होंने दही बनाने के लिए निर्धारित किया था। उसने सपना देखा, “सुबह तक दूध के बर्तन दही में बदल जाएगा।

मैं उससे मक्खन बनाऊंगा। और मक्खन को गर्म करके उससे घी बनाऊंगा। फिर बाजार में जाऊंगा और घी को बेचूँगा। और कुछ पैसे कमाऊंगा, उस पैसे से मैं एक मुर्गी खरीदूंगा।

मुर्गी रोज अंडे देगी, और फिर मेरे पास कई मुर्गी होगी। यह मुर्गी रोज सैकड़ों अंडे देगी, और मेरे पास अपना खुद का एक पोल्ट्री फॉर्म होगा।” वह कल्पना करता रहा।

“मैं बहुत समृद्ध हो जाऊंगा। और फिर में एक सुंदर लड़की से शादी करूंगा। जल्द ही मेरा एक सुंदर बेटा होगा। अगर वह कोई शरारत करता है, तो मुझे बहुत गुस्सा आएगा।

और उसे सबक सिखाने के लिए, मैं उसे बड़ी छड़ी से मारूंगा।” इस सपने के दौरान, उसने अपने बिस्तर के बगल में छड़ी को अनजाने में उठाया।

और यह सोच कर, “कि वह अपने बेटे को पीट रहा है। छड़ी उठाई और बर्तन में मारा। दूध का बर्तन टूट गया, और वह अब अपने सपने से जाग गया।

नैतिक शिक्षा : कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है, बिना मेहनत के सपने पूरे नहीं हो सकते।

 

16. पिता और पुत्र Short Story in Hindi with Moral

एक पिता ने अपने बेटे को सर्वोत्तम शिक्षा, अच्छा नैतिक समर्थन, पैसा और सब कुछ सहायता प्रदान की। फिर एक दिन वह लड़का शीर्ष बन जाता है।

उनके बेटे को दुनिया के सबसे अच्छे कार्यालय में, एक अच्छा काम मिलता है। उनके पिता गर्भ और बहुत शक्तिशाली महसूस करते हैं।

एक दिन, वह अपने बेटे की कार्यालय में गया। बेटा अपनी कुर्सी पर बैठा था। पिता उसके पीछे की तरफ जाते हैं, और अपना हाथ अपने बेटे के कंधों पर रखते हैं।

फिर पिता ने, अपने बेटे से एक सवाल पूछते हैं। “दुनिया में सबसे शक्तिशाली आदमी कौन है?” पिता को उम्मीद थी कि लड़का कहेगा, बेशक आपहै पिताजी।

लेकिन बेटा गर्व से कहता है, मैं सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हूं। पिता शर्म महसूस किया, गीली आँखों के साथ कार्यालय से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था।

लेकिन गेट पर, अपने बेटे से एक बार फिर से पूछता है। “तो आपको लगता है, कि आप सबसे शक्तिशाली है। फिर बेटे ने कहा, “नहीं पिताजी आप सबसे शक्तिशाली है।”

पिता: “लेकिन कुछ मिनटों पहले, आप कहा था कि आप सबसे शक्तिशाली है।”

बेटा: “मैंने ठीक ही कहा था, क्योंकि उस समय आपके हाथ मेरे कंधों पर थे। आपसे बहुत प्यार करता हूं पिताजी।”

नैतिक शिक्षा : पिता माता के आशीर्वाद के बिना, हम कुछ भी नहीं है।

 

17. ईश्वर से मुलाकात short moral stories in hindi for kids

एक बार, एक छोटा लड़का था जो भगवान से मिलना चाहता था। एक दिन, वह मंदिर जाने के बारे में सोचा। जहां भगवान रहते थे।

इसलिए, लड़का ने कुछ खाना और पानी इकट्ठा करके, अपनी यात्रा शुरू की। उसने जब मंदिर में पहुंचा, तो वह एक बूढ़ी औरत से मिला।

वह सड़क में बैठी थी, और उसकी की तरफ देख रही थी। लड़का, उस बूढ़ी औरत के बगल में बैठ गया। और बैग से खाना निकलकर खाने लगा।

फिर उसने देखा, कि बूढ़ी औरत को भूख लग रही थी। वह तुरंत बैग से कुछ खाना निकल कर उसे दिया। उसने इसे स्वीकार किया और मुस्कुराया।

लड़का खुश हो गया। वह दोपहर भर वहीं बैठे रहे और मुस्कुराते रहे। लेकिन, उन्होंने कभी एक शब्द नहीं कहा। जैसे जैसे अंधेरा बढ़ता गया।

लड़के ने एक घर जाने के लिए खड़ा हो गया। लेकिन इससे पहले कि वह कुछ कदम आगे बढ़े, वह पलट गया। बूढ़ी औरत के पास वापस गया और उसे गले लगा लिया।

बूढ़ी औरत ने उसे सबसे बड़ी मुस्कान दी, फिर दोनों घर गई। बुढ़िया बहुत खुशी होकर घर लौट आई। उसके चेहरे पर शांति देखकर उसका बेटा ने पूछा,

“मां आपने आज ऐसा क्या किया, जिससे आप खुश हो गए?” उसकी मां ने जवाब दिया, “आज मैंने मंदिर में, भगवान के साथ प्रसाद खाया।”

लेकिन, उसके बेटे के जवाब देने से पहले। उसने कहा, “आप जानते हैं, वह मेरी अपेक्षा से बहुत छोटा है।

नैतिक शिक्षा : भगवान हर जगह है, हमें बस अपनी खुशी साझा करने की जरूरत है।

 

 

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तो दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आपको 17 Best Short Moral Stories in Hindi for Kids पढ़कर जरूर अच्छी लगी होगी और कृपया करके इन नैतिक कहानियाँ को आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर जरूर करें।

ताकि हर कोई इन मजेदार शिक्षावर्धक कहानियों को पढ़ सके। हमारे आज के विषय Short Stories in Hindi with moral तो पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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