कंघी बिक्री – Kanghee Bikree | Moral Stories in Hindi for kids

यह Kanghee Bikree – Moral Stories in Hindi for kids हमने आपके लिए विशेष रूप से चुना है। इस नैतिक कहानिया को पढ़कर आपको कुछ अच्छी शिक्षा मिलेगी, जो आपको इस दुनिया को समझने में मदद करेगी।

इस लिख में हमने आपके साथ कंघी बिक्री एक नैतिक कहानिया साझा किया है। जो एक सफल व्यवसायी और उसकी तीन बेटे की है। यह कहानियां कुछ आछी शिक्षाप्रद कहानियां में से एक है।

और हम इसलिए आशा करते हैं, कि हमारी यह Kanghee Bikree Moral Stories in Hindi for kids पढ़कर आपको बहुत आनंद आएगा। हमारे पास ऐसे ही कुछ और नैतिक शिक्षाप्रद कहानियाँ है, चाहे तो आप इसे भी पड़ सकते है।

 

कंघी बिक्री – Kanghee Bikree | Moral Stories in Hindi for kids

बहुत साल पहले, चीन देश में एक बहुत ही सफल व्यवसायी रहता था। जिसका कारोबार कंघी बेचना था। व्यवसायी बूढ़ा हो गया था और वह सेवानिवृत्त होना चाहता था।
उनके तीन बेटे थे। बूढ़ा व्यवसायी सेवानिवृत्त होने से पहले, वह अपना कारोबार सबसे बुद्धिमान और सक्षम बेटे के हाथ में देना चाहता था।

इसीलिए, एक दिन उसने अपने तीनों बेटे को बुलाया और उन्हें एक काम दिया। पिता ने तीनों बेटे को बौद्ध मठ में कंघी बेचने का निर्देश दिया।

पिता ने तीनों बेटे को कहा, “उनके पास कंघी बिक्री करने के लिए 3 दिन है। 3 दिन बाद हमें बताओ कौन कितना कंघी बिक्री कर पाया।”

उनके तीनों बेटे हैरान और भ्रमित थे।

क्योंकि, मठ में रहने वाले सभी लोग गंजे थे। फिर भी तीनों बेटे उन्हें दिए गए काम के लिए निकल पड़े।

3 दिन बाद तीनों बेटे पिता के पास लौट आया। उनमें से पहले बेटे ने पिता को बताया, कि वह केवल दो ही कंघी बेच पाया।

पिता ने उनसे पूछा, “आप उन कंघी को बेचने के लिए उन्हें क्या बताया था?”

पहले बेटे ने जवाब दिया, “मैंने उनसे कहा, कि वे कंघी का इस्तेमाल अपनी पीठ को खुजलाने के लिए कर सकते हैं।”

Kanghee Bikree – Moral Stories in Hindi for kids

कंघी बिक्री – Kanghee Bikree Moral Stories in Hindi for kids

 

फिर पिता ने दूसरे बेटे से पूछा, “आप कितने कंघी पाए?” उसने बताया कि वह केवल 10 कंघी बेचने में सक्षम है। पिता ने उनसे पूछा, “आप उन्हें क्या कहा था?”

दूसरे बेटे ने उत्तर दिया, “मैंने उन्हें कंघी खरीद कर मठ में रखने की सलाह दी। जिससे तीर्थयात्रियों को अपने बालों में कंघी करने मे मदद मिलेगी। क्योंकि, यात्रा के दौरान उनके बाल झड़ सकते हैं।”

कुछ ही मिनट बाद पीता तीसरे बेटे से पूछा, उसने पिता को बताया कि वह हजार कंघी बेचने में सक्षम है। उनकी आश्चर्यजनक बात को सुनकर सभी हैरान था।

पिता उसके परिणाम से बहुत खुश थे। उसने उनसे पूछा, “बेटा अपने बहुत अच्छा काम किया। लेकिन आप हजार कंघी कैसे बेच पाए?”

तीसरे बेटे ने कहा, “मैं साधु के पास गया और उन्हें एक अच्छी विचार दिया।

विचार यह था, कि यदि बौद्ध की कुछ सिखाओ को कंघी पर छापा जाए और तीर्थयात्रियों को कंघी एक उपहार के रूप में दिया जाए।
वे अपने बालों को कंघी करते हुए प्रतिदिन बौद्ध की सिखाओ को याद करेगी।”

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तो दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आपको Kanghee Bikree – Moral Stories in Hindi for kids पढ़कर जरूर अच्छी लगी होगी। और कृपया करके इन कहानियाँ को आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर जरूर करें।

ताकि, हर कोई इन मजेदार शिक्षावर्धक कहानियों को पढ़ सके। हमारे आज के विषय कंघी बिक्री – Moral Stories in Hindi for kids तो पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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