यह कौन है धनवान हिंदी कहानियाँ हमने आपके लिए विशेष रूप से चुना है। इस नैतिक कहानिया को पढ़कर आपको कुछ अच्छी शिक्षा मिलेगी, जो आपको इस दुनिया को समझने में मदद करेगी।
इस लिख में हमने आपके साथ कौन है धनवान एक नैतिक कहानिया साझा किया है। जो एक संत और गांव के सबसे अमीर व्यापारी की है। यह कहानियां कुछ आछी शिक्षाप्रद कहानियां में से एक है।
और हम इसलिए आशा करते हैं, कि हमारी यह Kun Hai Dhanavan Hindi Stories पढ़कर आपको बहुत आनंद आएगा। हमारे पास ऐसे ही कुछ और नैतिक शिक्षाप्रद कहानियाँ है, चाहे तो आप इसे भी पड़ सकते है।
कौन है धनवान हिंदी कहानियाँ | Kun Hai Dhanavan Hindi Stories

एक बार, एक संत अपने गांव से कुछ दिनों के लिए एक दूसरे गांव मे गए। गांव के बीचो बीच एक लंबा पेड़ था। संत वहां बैठकर रोज पर्थना करता था।
गांव में, लोगों को उनके बारे में पता चला। लोग अपने समस्याओं का समाधान पूछने के लिए, उस लंबा पेड़ के नीचे उनसे मिलने आता था।
संत वहां पेड़ के नीचे बैठकर लोगों की समस्याओं का हाल बताता था। और लोग खुशी होकर घर लौट जाता था। फिर गांव में लोग उनके बारे में अच्छी-अच्छी बातें करते लगे।
उसी गांव में, एक बहुत ही अमीर व्यापारी रहता था। गांव में लोगों के मुंह से संत की इमानदारी और शक्ति के बारे में सुनकर अमीर व्यापारी बहुत प्रभावित हुए।
एक दिन धनी व्यापारी संत के पास गया। और उसे सोने का एक थैली देते हुए कहा, “हम जानते हैं, आप इस धन का उपयोग किसी के भलाई के लिए करोगे। कृपया इसे स्वीकार करें।”
संत ने उत्तर दिया, “कृपया थोड़ी देर प्रतीक्षा करें। मुझे यकीन नहीं है, कि आपके साथ पैसा लेना मेरे लिए सही होगा या नहीं।”
संत ने अमीर व्यापारी से पूछा, “क्या आप धनवान है? क्या आपके घर पर ज्यादा पैसा और सोना है?”
व्यापारी गर्व से उत्तर दिया, “हां, मेरे पास घर पर ऐसे ही हजारों और सोने का सिक्का है।“
संत ने फिर से प्रश्न किया, “क्या आप हजारों और सोने का सिक्का चाहते हैं?”
Kun Hai Dhanavan Hindi Stories
व्यापारी ने उत्तर दिया, “क्यों नहीं, अधिक पैसा कमाने के लिए मैं हर रोज कड़ी मेहनत करता हूं। और ज्यादा अमीर बनने के लिए मे भगवान से रोज पर्थना करता हूं।”
फिर, संत ने सोने का थैली व्यापारी के सामने धकेल दिया। और कहां, “क्षमा करें, क्योंकि हम आपके साथ पैसे नहीं ले सकता।”
अमीर व्यापारी हैरान था। उन्होंने उनसे पूछा, “लेकिन क्यों?”
संत ने उत्तर दिया, “धनवान व्यक्ति होकर, एक भिखारी से धन नहीं ले सकता।”
अमीर व्यापारी को बुरा लगा। उसने धीरे-धीरे कहां, “मैं आश्चर्य हूं, क्योंकि आप मुझे भिखारी और अपने आप को धनवान कैसे कह सकते हो?”
संत मुस्कुराया और जवाब दिया, “मे धनवान हूं, क्योंकि मेरे पास जो कुछ भी है उन से मैं संतुष्ट हूं। हमारा ज्यादा धन की जरूरत नहीं है।
और आप एक भिखारी है। क्योंकि आपके पास कितनी भी धन हो, फिर भी आप हमेशा असंतुष्ट रहते हो और ज्यादा भीख मांगते हो।”
नैतिक शिक्षा : खुशी की कुंजी यह है, हमारे पास जो कुछ भी है उसमें हमेशा संतुष्ट रहना है।
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तो दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आपको कौन है धनवान हिंदी कहानियाँ पढ़कर जरूर अच्छी लगी होगी। और कृपया करके इन कहानियाँ को आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर जरूर करें।
ताकि, हर कोई इन मजेदार शिक्षावर्धक कहानियों को पढ़ सके। हमारे आज के विषय Kun Hai Dhanavan Hindi Stories तो पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।